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रायपुर, 6 फरवरी
भारत की कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के नरेंद्र मोदी के लिए प्यार और स्नेह ने कांग्रेस पार्टी को परेशान कर दिया था और उसके वरिष्ठ नेताओं में से एक ने यहाँ तक उन्हें दिया गया सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार वापस लेने की मांग तक कर डाली।
2013 में, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब लता मंगेशकर ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा था कि वह उन्हें देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं। उनके इस बयान से कांग्रेस नाराज हो गई। मुंबई कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जनार्दन चंदुरकर ने यहां तक मांग कर डाली कि लता दीदी को दिया गया भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए।
मोदी ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि लता मंगेशकर को अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है। उन्होंने तब छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा में कहा था कि कांग्रेस इतनी घमंड से भरी हुई है कि वह लता मंगेशकर जैसी महान गायिका का भी सम्मान नहीं कर रही है।
लता मंगेशकर के मन में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी के लिए भी बहुत सम्मान था, जिन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1984 में इंदौर में स्थापित लता मंगेशकर पुरस्कार के पहले कार्यक्रम का आयोजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इंदौर में महान गायिका का जन्म हुआ था वही भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी जोगी उस समय इंदौर के जिला कलेक्टर थे।
इंदौर के तत्कालीन विधायक और शक्तिशाली कांग्रेस नेता, सुरेश सेठ कार्यक्रम के खिलाफ थे और उन्होंने लता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी जो उनके संज्ञान में आई थी। लता ने कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया। अजीत जोगी ने हस्तक्षेप किया और उनकी वजह से ही लता कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तैयार हुईं।
तब से, उनके मन में जोगी के लिए बहुत सम्मान था और उन्होंने बड़ी बहन के रूप में अपने स्नेह की बौछार की, अमित जोगी ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक ट्वीट में कहा। अनुरोध के बावजूद वह जोगी जी को “कलेक्टर साहब” कहकर बुलाती थीं।