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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड जॉन ट्रम्प की राह पर चलना चाहती है और विधानसभा चुनाव के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएँगी और राज्य में ‘नए और निष्पक्ष चुनाव’ कराने की माँग करेंगी।
पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे ही चुनाव परिणाम का दिन नजदीक आ रहा है, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घबराहट बढ़ती जा रही है। वैसे चुनाव प्रक्रिया के चालू होने के साथ ही ममता चुनाव आयोग और केन्द्रीय सुरक्षा बलों के साथ टकराव की स्थिति पैदा कर दी और उनपर गंभीर आरोप लगाए। पश्चिम बंगाल जैसे अति संवेदनशील राज्य में चुनाव आयोग ममता बनर्जी के अनुसार नहीं चला जिसकी नाराजगी सत्ताधारी दल को था।
उनका आरोप है चुनाव आयोग के निर्देश पर तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह वर्तमान चुनावों के समाप्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएँगी और राज्य में ‘नए और निष्पक्ष चुनाव’ कराने की माँग करेंगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव एजेंसी ने भाजपा की सहायता करने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने का कार्य करता रहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता भाजपा के खिलाफ वोटिंग न कर पाएँ।
उन्होंने कहा, “यदि पुलिस किसी को अवैध रूप से गिरफ्तार करती है तो उनके परिवार वालों को पुलिस स्टेशन में जाकर बैठना चाहिए और पुलिस स्टेशन का घेराव करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर न्यायालय भी जाएँ। हम उच्च न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएँगे और किसी की भी अवैध गिरफ़्तारी के विरुद्ध शिकायत करेंगे। “
भले ही ममता बनर्जी ट्रम्प की राह पर चल रही हो लेकिन उन्हें यह भूलना नहीं चाहिए की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाना आसान है लेकिन साबित करना कठिन। आखिर अमेरिका की अदालत ने ट्रम्प द्वारा दाखिल चुनाव में गड़बड़ी के मामलो को पिछले माह खारिज कर दिया।