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कोलकाता, जनवरी 18
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा करके राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है।
“मैं नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी । मेरी अंतरआत्मा ने मुझसे कहा नंदीग्राम तुम्हारे लिए भाग्यशाली व पवित्र स्थान है। इसलिए, तुमको नंदीग्राम से लड़ना चाहिए,” ममता ने सोमवार को नंदीग्राम की एक रैली में कहा। बनर्जी वर्तमान में भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं और संकेत दिया है कि वे दोनों सीटों से चुनाव लड़ सकती हैं।
ममता बनर्जी का नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के कई मायने है और इनमे सबसे प्रमुख है आगामी चुनाव में भाजपा को इस क्षेत्र में घेर कर रखना।भाजपा का जनाधार अभी तेजी से पश्चिम बंगाल में बढ़ा है जिसे आगामी चुनाव में ममता बनर्जी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती एक रूप में देखा जा रहा है।
पूर्वी मिदनापुर के इस निर्वाचन क्षेत्र ने ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नंदीग्राम और सिंगूर भूमि आंदोलन ने ममता बनर्जी को बंगाल की राजनीति में शीर्ष पर पहुंचा दिया। 2012 के विधानसभा चुनाव में, बनर्जी ने सुवेंदु अधिकारी की मदद से नंदीग्राम में किसानों की भूमि के लिए अभियान चलाया और तत्कालीन वाम सरकार को उखाड़ फेंका।
नंदिग्राम और सिंगूर आंदोलन के पीछे का दिमाग सुवेंद्र अधिकारी का रहा है जिन्होंने पार्टी के ग्रामीण आधार को मजबूत करने में एक महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी। सुवेंद्र के रणनीति और कार्य के कारण तृणमूल कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में अपना काफी मजबूत जनाधार बनाने में सफल रही थी।
हाल ही में सुवेंद्र ने भाजपा प्रवेश किया जिससे ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा। एक करीबी लेफ्टिनेंट को खोने के के बाद ममता के लिए सबसे बड़ी चुनौती उस क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने भी है जो 2021 के राज्य चुनावों में फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भाजपा इस नेता की मदद से राज्य में जमीन हासिल करने की उम्मीद रख रही है वही सुवेंद्र भी आने वाले चुनाव में अपनी शक्ति दर्ज कराने में कोई कसार नहीं छोड़ना चाहते जिसका लाभ भाजपा को न सिर्फ सिंगुर और नंदीग्राम में मिलेगा बल्कि राज्य में अन्य हिस्सों को भी राजनीतिक रूप से प्रभावित करेगा।
ममता अपनी रणनीत के तहत सुवेंद्र को उनके घर में ही घेरना चाहती है ताकि वे भाजपा के लिए सीमित कार्य कर सके। सुवेंद्र
और उनके परिवार का इस पुरे क्षेत्र में गहरी जड़े है और खासा प्रभाव भी। सुवेंद्र नंदीग्राम के विधायक है और उन्हें अपने विधान सभा क्षेत्र में व्यस्त रख कर ममता भाजपा को वही घेरे रखना चाहती है।
किसी भी राजनेता के लिए किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने उतना आसान नहीं होगा और खास कर जब उनको नई पार्टी में अपनी योग्यता सिद्ध करना हो।
ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़कर पुरे राज्यों में कार्यकर्ताओ को सन्देश भी देना चाहती है जो इस समय भाजपा के बढ़ते प्रभाव से काफी निराश है। सुवेंद्र के खिलाफ खड़े होकर ममता ये साबित करना चाहेगी वह उन लोगो को छोड़ेगी नहीं जो कभी उनके काफी करीब रहे और बाद में उन्हें धोखा दिया।