न्यूज़ रिवेटिंग
चेन्नई, 8 दिसंबर
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत को ले जा रहे भारतीय वायु सेना (IAF) के जिस हेलिकॉप्टर की तमिलनाडु के पहाड़ी नीलगिरी जिले में कुन्नूर के पास की दुर्घटना हुई है उनमे लैंडिंग की विशिष्ट विशेषताएं होती है।
कज़ान और उलान-उडे कारखानों में निर्मित सोवियत-डिजाइन के रूसी सैन्य Mi-17V5 हेलीकॉप्टर में विशेषता है कि वह सीमित प्रतिकूल मौसम की स्थिति में बिना तैयारी के स्थलों पर उतरने में सक्षम है। हेलीकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी गई थी, जिसमें चालक दल और सीडीएस की पत्नी सहित 14 लोग सवार थे।
दुर्घटना से सबसे बुरी खबर आने की आशंका है जब सरकार गुरुवार को सदन में बयान देगी। अनौपचारिक सूत्रों ने बताया कि इस दुखद घटना में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग मौत से संघर्ष कर रहे है। जनरल रावत और पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया जा रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस के घर पहुंचे और उनकी बेटी से मुलाकात की। हालांकि उन्हें संसद में बयान देना था, लेकिन इसे कल के लिए टाल दिया गया है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, Mi-17V5 हेलीकॉप्टर का उपयोग ज्यादातर मध्यम ट्विन-टरबाइन परिवहन हेलीकॉप्टर के साथ-साथ एक सशस्त्र गनशिप संस्करण के रूप में किया जाता है। इसका व्यापक रूप से श्रीलंका वायु सेना द्वारा लिट्टे के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था।
IAF हेलीकॉप्टर का उपयोग न केवल माल के परिवहन के लिए होता है, बल्कि देश भर में बचाव और राहत मिशनों के अलावा परिचालन क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात करने के लिए भी किया जाता है। इन हेलीकॉप्टरों का संचालन सुलूर एयरबेस से किया जाता है।
हेलीकॉप्टर अधिकतम 13,000 किलोग्राम भार उठा सकता है और अधिकतम 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भर सकता है।
वीआईपी प्रोटोकॉल के साथ उड़ान भरने वाले उन्नत हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता भारतीय वायुसेना द्वारा गठित जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।