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कलकत्ता, फरवरी 11
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए है लेकिन बने रहेंगे अपनी पूर्व पार्टी में।
पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने मुकुल राय को विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया। यह याचिका विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दाखिल की थी।
उन्होंने कहा था कि दलबदल विरोधी कानून के तहत चुनाव के बाद पार्टी बदलने के लिए मुकुल राय को एक विधायक के तौर पर अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय पिछले साल जून में पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सुनवाई पिछले महीने पूरी हो गई थी। विधानसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि कानून के अनुसार रॉय सदन में भाजपा विधायक के रूप में बने रहेंगे।
इस फैसले को लेकर बिमान बनर्जी ने कहा: “याचिकाकर्ता आपेक्षित साक्ष्य पेश नहीं कर सके। मामले के तथ्यों, परिस्थितियों और कानून के तहत मैंने पाया कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका में बताए गए तर्कों को साबित करने में सक्षम नहीं है। इस वजह से मैंने याचिका खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि निष्कर्ष निकालना आपके ऊपर है, मैंने सबूतों के अभाव में याचिका खारिज की है।”
भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने भी मुकुल रॉय को सार्वनिक लेखा समिति (पीएसी) का चेयरमैन नियुक्त किए जाने के फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने मांग की है कि इस पद पर परंपरा के अनुसार विपक्ष के सदस्य को नियुक्त किया जाए। हाईकोर्ट ने बिमान बनर्जी से कहा था कि रॉय को विधायक के तौर पर अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर फैसला लें।
रॉय पीएसी के चेयरमैन ममता की इच्छा से बने और अब तृणमूल को बोलने का मौका मिल गया कि वह संसदीय परंपरा को निभाते हुए पद विपक्ष के सदस्य को दे दिया है।