टीम न्यूज़ रिवेटिंग
नई दिल्ली, जनवरी 30
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र को लेकर खड़े किये गए विवाद को राष्ट्रपति भवन ने कभी गंभीरता से लिया है और इंडिया टुडे के मालिक के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
ज्ञात हो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया और इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में नेताजी की एक पेंटिंग का अनावरण किया। इस पेंटिंग को लेकर केंद्र सरकार और खासकर नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाला मीडिया का एक वर्ग सक्रिय हो गया और देश के राष्ट्रपति जो कि एक सर्वोच्च संवैधानिक पद है, कोई राजनीतिक पद नहीं उसकी गरिमा को तार-तार करने पर लग गए।
बता दें कि नेताजी की जिस फोटो का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनावरण किया था, उसके लेकर इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार राजदीप सरदेसाई जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने सवाल उठाते उस फोटो को एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी की फोटो करार दिया। अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी ने एक फिल्म में नेताजी का किरदार निभाया था। ऐसे में राष्ट्रपति भवन में लगी नेताजी की फोटो पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया कि राष्ट्रपति भवन में नेताजी की जगह पर प्रोसेनजीत की फोटो लगा दी गई है।
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इंडिया टुडे के चेयरमैन अरुण पुरी को राष्ट्रपति भवन की तरफ से पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि नेताजी की जयंती पर राष्ट्रपति द्वारा उनकी तस्वीर के अनावरण को लेकर पत्रकारों के एक समूह वर्ग ने भ्रामक जानकारी शेयर की। उसमें कहा गया कि ये तस्वीर नेताजी नहीं बल्कि प्रसनजीत चटर्जी की है। सोशल मीडिया पर इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई की तरफ से भी ऐसे ही दावे किए गए।
लेकिन निराशाजनक बात है कि पत्रकार ने इससे जुड़े तथ्यों की जांच-परख करना भी जरूरी नहीं समझा और न ही नेताजी के परिवार के किसी सदस्य से इस संबंध में बात करना आवश्यक समझा।
आश्चर्य की बात है की नेताजी के रिश्तेदार और स्वयं प्रोसेनजीत इस बात की पुस्टि कर चुके है ही राष्ट्रपति भवन में लगा चित्र वास्तव में नेताजी
सुभाष चंद्र बोस का ही है। एक दो एजेंसियो ने तो बाकायदा सपूत के साथ इस बात की पुष्टि की है की विवाद भ्रामक है और चित्र वास्तविक है।
जिस तरह से एक महिला पत्रकार और तृणमूल कांग्रेस की संसद बिना समय गवाए ट्वीट पर चित्र को गलत बताया और तीखी टिप्पणी की वह भी आश्चर्यजनक था।