पटना उच्च न्यायालय ने रेलवे लाइन को उड़ने की षड्यंत्र में शामिल आरोपी को नहीं दी जमानत

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पटना, अक्टूबर 29

पटना उच्च न्यायालय के न्यायधीश अश्विनी कुमार सिंह और पी बी बैजंत्री ने पूर्वी चंपारण जिला के घीरासहन के गजेंद्र शर्मा की जमानत याचिका अस्वीकार करते हुए एनआईए की विशेष अदालत को आदेश दिया है कि वह इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई और एक वर्ष के अंदर प्रक्रिया पूरी करे।

एनआईए की विशेष अभियोजक श्रीमती छाया मिश्र ने न्यायालय को बताया कि अभियुक्त ने रेलवे लाइन पर कुकर बम लगाया था और रेलवे लाइन को उड़ने की षड्यंत्र में शामिल था।

अभियुक्त की तरफ से जमानत के लिए प्रार्थना करते हुए सिद्धार्थ हर्ष ने बताया की उनका मुवक्किल फरवरी, २०१७ से जेल में बंद है।
एनआईए की चार्ज शीट में १३८ गवाहों की सूची दी गई है, जिसमे अब तक ३३ की गवाही एनआईए कोर्ट में हुई है।

अपीलार्थी के जमानत को विरोध करते हुए एनआईए के विशेष अभियोजक छाया मिश्रा ने कोर्ट से कहा की अभियोजन इस केस के सभी गवाहों की जल्दी ही जांच कर लेगा। मिश्रा ने आगे यह दलील दी की कोविड 19 महामारी के कारण गवाहों का परिक्षण में विलम्ब हुआ है। अब जबकि सामान्य स्तिथि बहाल हो चुकी है, बचे हुए गवाहों का जल्दी ही परिक्षण हो जायेगा।

उन्होने कोर्ट से यह कहा की बाकी गवाहों का परिक्षण आने वाले नो महीनो में कर दिया जायेगा।

एनआईए के वकील ने जमानत देने का विरोध करते हुए कहा की कि जांच में यह पता चला है की अपीलकर्ता ने बाकी साजिशकर्ताओं के साथ मिल कर रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक उपकरण रखा था तथा उनके बैंक अकाउंट से पैसे का लेन-देन और उनके स्टूडियो से जो सामग्री प्राप्त हुई उसे से स्पष्ट रूप से उनकी साजिश में भागीदारी दिखती है।

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