कश्मीर पर मगरमच्छ के आंसू बहाने वाला पाकिस्तान अपने ही लोगों पर “आंसू गैस” का परीक्षण कर रहा है

टीम न्यूज़ रिवेटिंग

भारत में हो रही हर गतिविधियों पर मानव अधिकार की दुहाई देने वाले सक्रिय कार्यकर्ताओं के पास पाकिस्तान में अध्ययन करने के लिए एक विषय है — इमरान खान सरकार ने अपने ही नागरिको पर आंसू गैस के गोले दागे ताकि यह सिद्ध हो सके की वह काम कर रहा है।

करीब 2,000 सरकारी कर्मचारियों इकट्ठा होकर संसद भवन की ओर मार्च कर रहे थे जब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस छोड़ी। वे अपने वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे।

शांतिपूर्ण विरोध, जो लोकतंत्र की पहचान है, को पाकिस्तान ने किस तरफ तानाशाही तरीके से नियंत्रित किया यह उसका उदहारण था।

पुलिस ने विरोध करने वाले कर्मचारियों पर केवल बल प्रयोग किया बल्कि 1000 आंसू गैस के गोले भी दागे। लेकिन आश्चर्य इस बात का है की गोले भीड़ को काबू में करने के लिए नहीं दागे गए बल्कि यह जांचने के लिए की वे काम कर रहे है की नहीं।

देश के आंतरिक मंत्री, शेख राशिद अहमद ने भी असंवेदनशील टिप्पणियों के साथ गोलाबारी को सही ठहराने का प्रयास किया।

यह पूछे जाने पर कि सरकार ने अपने ही नागरिकों पर गोले दागने का फैसला क्यों किया, अहमद ने कहा कि, “आंसू गैस का परीक्षण करना आवश्यक था क्योंकि यह लंबे समय से प्रगोय में नहीं आया था।”

प्रदर्शनकारी, ऑल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज ग्रैंड अलायंस की छतरी के नीचे, देश में तेजी से बढ़ती महंगाई के कारण वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे और इसलिए, लोक सेवकों ने पाकिस्तान सचिवालय में बैठने की घोषणा की थी। सरकारी समिति द्वारा ग्रेड सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन को ग्रेड 1 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने पर सहमति बनने के बाद विरोध प्रदर्शन अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया।

इमरान खान सरकार जो पहले से ही एकजुट विपक्ष के दबाव में है संकट में आ गयी है।

पीएमएल-एन के नेता मोहम्मद जुबैर ने कहा, “किसी भी अन्य देश में, इस तरह के एक बयान का मतलब होगा मंत्री की तत्काल बर्खास्तगी और सरकार की माफी।”

दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे पर विश्व स्तर पर मानवाधिकारों का संरक्षक मौन है। पाकिस्तान मानव अधिकारों के बहाने काशिमरियो के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है जबकि अपने घर में अपनी आबादी पर हथियारों और गोला-बारूद का परीक्षण कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *