कांग्रेस पार्टी प्रस्तावित नए संसद भवन का विरोध कर रही है जबकि उनकी वरिष्ठ नेता और तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने 2012 में इस परियोजना को मंजूरी दी थी।
कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने 2012 में शहरी विकास मंत्रालय को एक नई संसद भवन के निर्माण की योजना पर काम करने के लिए कहा था।
एक टेलीविजन चैनल ने भवन निर्माण के लिए 2012 में जारी किए गए मीरा कुमार के उस समय के उनके ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी ) के एक पत्र को सार्वजनिक किया है । यह पत्र पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी द्वारा तत्कालीन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा गया था।
पत्र में कहा गया कि स्पीकर ने नए संसद भवन के निर्माण को स्वीकृति दी है और उन्होंने इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने की बात पत्र में कही ।
यह पत्र ओएसडी द्वारा शहरी विकास मंत्रालय के तत्कालीन सचिव को 13 जुलाई 2012 को भेजा गया था जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी। पत्र में लिखा गया था, “संसद भवन का निर्माण 1920 के दशक में किया गया था और 1927 में इसने कार्य करना प्रारंभ किया था जिसे अब प्रथम श्रेणी की सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया गया है ।
दशकों से अधिक के उपयोग के कारण संसद भवन में कई जगह दरारें दिखाई देने लगी है। लोकसभा और राज्यसभा की सदस्य क्षमता 2026 के बाद बढ़ने की संभावना है ,जिससे नए भवन का निर्माण आवश्यक हो जाता है।
पत्र में आगे कहा गया है कि अगर महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा द्वारा 2026 से पहले पारित किया जाता है तो संसद में सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है। इस तरह के परिदृश्य में संसद में बैठने की क्षमता के साथ एक नया लोकसभा भवन होना आवश्यक हो जाएगा।
इस पत्र में शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को संसद भवन परिसर की निकटता में एक क्षेत्र की पहचान करने और अत्याधुनिक और भव्य नए संसद भवन के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान खोजने के लिए उपयुक्त निर्देश देने को कहा।
कांग्रेस पार्टी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह का बहिष्कार किया था। पार्टी के नेताओं की तरफ से ये बयान आया कि प्रधानमंत्री ने यह समारोह तब आयोजित किया जब किसान “नए कृषि बिल को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे है।”
अधूरी जानकारी देकर जनता को गुमराह क्यो कर रहे ।
सेट्रल विस्टा प्रोजेक्ट भाजपा के गले की हड्डी बन गया है । अब वो खुद को पाकसाफ दिखाने में लगी है और उसका आईटी सेल (फर्जी सेल) लोगो को गलत मैसेज भेज भेज के भड़का रहा है कि हम तो सस्ते में बना रहे कांग्रेस ज्यादा में बना रही । जबकि कांग्रेस सरकार के समय 2012 में सिर्फ चिट्ठी लिखी थी । 2015 में सुमित्रा महाजन ने और जवाब ना आने पर 2016 में फिर सुमित्रा महाजन ने नई संसद के लिए चिट्ठी लिखी ।