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पटना, जून 28
बिहार की राजधानी पटना के रेलवे जंक्शन पर विश्व प्रसिद्ध हनुमान जी के मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हजारों लोगों को पार्किंग में हो रही असुविधा के लिए उच्च न्यायालय ने रेलवे से जवाब माँगा है।
प्रसिद्ध मंदिर में हज़ारो की भीड़ हर दिन उमड़ती है। रेलवे स्टेशन से यात्रा करने वालों के अलावा पटना शहर और आस-पास के भक्त यहां पहुंचते हैं। लेकिन पार्किंग की सुविधा न होने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस मामले में पटना के वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्र ने पटना हाईकोर्ट में पिछले साल एक पीआईएल CWJC No 2081 दायर की थी। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में रेलवे से जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होने वाली है। बता दें कि महावीर मंदिर के आस पास रेलवे की काफी भूमि है। लेकिन किसी भी तरह के पार्किंग की सुविधा मंदिर आने जाने वाले लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में याचिकाकर्ता पत्रकार लव कुमार मिश्र की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति संजय कुमार के डिविजन बेंच ने रेलवे के वकील से जवाब तलब किया। इस दौरान जजों ने वकील के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर मुद्दे से भटकाने की बात भी कही। चीफ जस्टिस ने इस दौरान वकील से पूछा कि मंदिर में दर्शन के लिए जाते वक्त आप गाड़ी कहां लगाते हैं? रेलवे के वकील का तर्क था कि मंदिर प्रशासन अपने संसाधन से पार्किंग का निर्माण कर सकता है।
मिश्र ने अपने पीआईएल में कोर्ट से कहा था कि उनकी हनुमान जी के प्रति असीम श्रद्धा है। लेकिन उनके अलावा भगवान के भक्तों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा था कि मंदिर आने जाने में किसी भी तरह की असुविधा भक्तों को नहीं हो। इसके साथ ही दर्शनार्थियों को फ्री में पार्किंग की सुविधा भी मिले।
बता दें कि संबंधित पीआईएल में केंद्र सरकार, बिहार सरकार, पटना के डीएम के अलावा महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव सहित 10 लोगों को पक्षकार बनाया गया था।