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नई दिल्ली, नवंबर 12
उपभोक्ताओं को राहत देने के मकसद से भारत सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने के बाद देश के 25 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों ने अब तक पेट्रोल और डीजल पर वैट अर्थात मूल्यवर्धित कर में कटौती की है।
आश्चर्य है कांग्रेस ने पंजाब में तो उत्पाद शुल्क घटा दिया लेकिन अन्य कांग्रेस-शासित राज्यों में विरोध कर रही है। कारण, पंजाब में अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में चुनाव होंगे और कांग्रेस किसी प्रकार का राजनितिक जोखिम नहीं लेना चाहती है। उसे मालूम है पेट्रोल और डीजल मूल्य वृद्धि भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुद्दा नहीं बन सकता। यदि ऐसा होता तो कांग्रेस कभी भी पंजाब में उत्पाद शुल्क नहीं घटाती।
वैट में कटौती के बाद, पंजाब में पेट्रोल की कीमत में सबसे अधिक 16.02 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है। इसके बाद केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 13.43 रुपये और कर्नाटक में 13.35 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है। अंडमान और निकोबार में पेट्रोल सबसे सस्ता 82.96 रुपये प्रति लीटर है, जबकि अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पेट्रोल 92.02 रुपये प्रति लीटर है। राजस्थान के जयपुर में पेट्रोल की कीमत 117.45 रुपये प्रति लीटर है, जबकि महाराष्ट्र स्थित मुंबई में पेट्रोल 115.85 रुपये प्रति लीटर है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में डीजल की कीमत में सबसे अधिक 19.61 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है। इसके बाद कर्नाटक में डीजल के दाम में 19.49 रुपये और पुडुचेरी में 19.08 रुपये की कमी आई है। डीजल अंडमान और निकोबार में सबसे सस्ता 77.13 रुपये प्रति लीटर है, जबकि मिजोरम के आइजोल में यह 79.55 रुपये प्रति लीटर है। जयपुर, राजस्थान में डीजल की कीमत 108.39 रुपये प्रति लीटर है, जबकि आंध्र प्रदेश के विजाग यानी विशाखापट्टनम में डीजल 107.48 रुपये प्रति लीटर है।
भारत सरकार ने 3 नवंबर, 2021 को पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की। उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती करते समय राज्यों से भी आनुपातिक रूप से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का आग्रह किया गया था।
अब तक जिन राज्यों/संघ शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कोई कटौती नहीं की है उनमें महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, केरल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान है। लक्ष्यद्वीप में केंद्र शासित प्रदेश की सरकार वर्तमान में जो पेट्रोल और डीजल खरीदती है उसपर केरल को वैट चुकाया जाता है जबकि संघ शासित प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर कर शून्य है।