पूजा सिंघल के पूर्व पति राहुल पुरवार 1999 बैच के (झारखंड कैडर) के आईएएस अधिकारी हैं
लव कुमार मिश्रा
रांची, मई 8
आय से अधिक संपत्ति और मनरेगा घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में फंसी 2000 बैच की झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल कई सम्पति में अपने पूर्व पति को अभी भी पार्टनर बनाई हुई है।
उनके पूर्व पति राहुल पुरवार 1999 बैच के (झारखंड कैडर) के आईएएस अधिकारी हैं। करीब 12 वर्ष पहले घरेलू विवाद के बाद भले ही दोनों तलाक लेकर अलग हो गए थे, लेकिन पूजा सिंघल की संपत्ति में वह अभी भी पार्टनर हैं।
राहुल पुरवार भी अब जांच के दायरे में आ सकते हैं क्यूंकि ईडी को कई दस्तावेज मिले है। बताया जा रहा है कि दोनों के नाम कोलकाता में एक 30 लाख का मकान है जिससे उन्हें आश्चर्यजनक रूप के 50 हज़ार का मासिक किराया आता है।
पुरवार का कार्यकाल भी कभी विवादों से भरा रहा है। पुरवार पर आरोप लगा था कि उन्होंने टाटा प्रोजेक्ट्स का 42 करोड़ का भुगतान इसलिए रोक रखा है, क्योंकि उन्हें इसके बदले ढाई प्रतिशत कमीशन चाहिए। विभाग ने जब आरोपों की जांच की तो पता चला कि राहुल पुरवार ने भुगतान संबंधित फाइल रोक रखी है। तब झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को उजागर किया था।
उन पर आरोप यह भी लग चुका है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ज्यादा दर पर ठेका कंपनियों को काम दिया था। नियमों को ताक पर रखकर टेंडर में ठेका कंपनियों को लाभ पहुंचाया था। उनके कई काम पर लेखा महापरीक्षक ने भी अंगुली उठाई थी।
इस बीच आईएएस पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि पूजा सिंघल से जुड़े लोगों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी शुक्रवार से जारी है। उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है ताकि गहन पूछताछ की जा सके।
पूजा सिंघल ने साल 2022 में केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को दिए अचल संपत्ति की जानकारी में अपने दूसरे पति अभिषेक झा के मालिकाना हक वाली पल्स अस्पताल की जमीन की खरीद व इस खरीद पर हुए खर्च का कोई ब्योरा नहीं दिया है।
पल्स हॉस्पिटल के निर्माण में भी भारी वित्तीय अनियमितता की बात सामने आ रही है। ईडी के अधिकारियों ने पल्स अस्पताल के निर्माण व इक्यूपमेंट की खरीद में हुए खर्च का आकलन साल 2020 के हिसाब से किया है। सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल निर्माण व इक्यूपमेंट खरीद में न्यूनतम खर्च का आकलन 110 करोड़ के आसपास है। वहीं इस अस्पताल के निर्माण के लिए लोन महज 23 करोड़ रुपये का है। ऐसे में अब ईडी पड़ताल में जुटी है कि शेष राशि कहां से आयी, किन-किन लोगों ने यहां पैसे लगाए।
चतरा जिला में मनरेगा योजना में किये गए अनियमितता में पूजा सिंघल के खिलाफ जांच हुई। किन परिस्थितियों में अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर एपी सिंह ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया यह भी चर्चा का विषय रहा है।
विधानसभा समिति ने चतरा जिला में मनरेगा योजना में किये गए आनियमितता के मामले में स्थल निरीक्षण किया गया था और पाया कि मनरेगा की योजना में दो संस्थानों को तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल द्वारा करोड़ों रुपये अग्रिम भुगतान कर दिया। जबकि रिपोर्ट में कार्य की तस्वीर नहीं दिख रही थी।