नई दिल्ली, 15 दिसंबर
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत और बेटी शर्मिष्ठा अपने पिता के आत्मकथा के अंतिम संस्मरण के प्रकाशन को लेकर आपस में भीड़ गए है ।
बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अपनी लिखित सहमति के बिना संस्मरण के प्रकाशन को रोकने के लिए प्रकाशकों को एक पत्र लिखा है वही शर्मिष्ठा मुखर्जी, जो कांग्रेस की प्रवक्ता भी हैं, ने अपने भाई से आग्रह किया है कि “पिता जी की आखिरी किताब के प्रकाशन को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा न करें।”
उन्होंने यह भी कहा है कि प्रणब मुखर्जी द्वारा व्यक्त विचार उनके अपने हैं और “किसी को भी इसे किसी सस्ते प्रचार के लिए प्रकाशित होने से रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। वह हमारे दिवंगत पिता के लिए सबसे बड़ा असंतोष होगा।”
भाई और बहन के बीच की अनबन ट्विटर पर वायरल हो गई।
संस्मरण “द प्रेसिडेंशियल इयर्स ” के कुछ अंश पिछले सप्ताह रूपा प्रकाशन द्वारा जारी किए गए थे और मीडिया ने उसका व्यापक प्रचार किया था । 2012 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का इस साल अगस्त में निधन हो गया था। प्रकाशन ने कहा है कि आगामी जनवरी में संस्मरण जारी किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि प्रणब मुख़र्जी ने अपनी पुस्तक में 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के ख़राब प्रदर्शन को लेकर टिपण्णी की है तथा सोनिया गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा कांग्रेस पार्टी और सरकार को चलाने को लेकर पर महत्वपूर्ण विचार रखे है ।
कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला जारी की और अंश को “प्रेरित” करार दिया तथा प्रकाशक को संस्मरण के प्रकाशन को रोकने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, “मैं संस्मरण के लेखक का बेटा हूं। ‘राष्ट्रपति के संस्मरण’ के प्रकाशन के साथ-साथ प्रेरित अंश जो कुछ मीडिया प्लेटफार्मों में पहले से ही चल रहा है उसे उनकी सहमति के बिना जारी नहीं किया जाये ।”
अभिजीत ने कहा कि वह इसके प्रकाशन से पहले पुस्तक की अंतिम प्रति पढ़ना चाहते हैं क्यूंकि उन्हें लगता है उनके पिता ऐसा कुछ नहीं लिख सकते।