प्रशांत किशोर ने लाया तृणमूल में तूफान!

यदि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सुझाव के अनुसार चलती है तो पार्टी के 50 प्रतिशत से अधिक निवर्तमान विधायकों की टिकट आगामी विधानसभा चुनाव में कट सकती है।

टीएमसी ने किशोर को विशेष तौर पर इस चुनाव की रणनीति बनाने के लिए अपने साथ रखा है । पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और पार्टी रणनीतिकार को किनारे करते हुआ किशोर सीधे मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी अभिषेक बनर्जी को रिपोर्ट करते हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने न्यूज़ रिविटिंग को बताया कि किशोर की एजेंसी I-PAC द्वारा दी गई रिपोर्ट में तृणमूल के 211 निवर्तमान विधायकों में से कम से कम 110 को बदलने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा जिला-स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों की एक बड़ी संख्या भी जांच के दायरे में है।

विधान सभा चुनाव की टिकट से वंचित होने वाले संभावित 110 विधायकों में कुछ प्रभावशाली मंत्री भी हैं।

मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव और नीतीश के 2015 के विधानसभा चुनाव अभियानों का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के बाद किशोर का नाम भारत में चुनाव अभियान प्रबंधक के रूप में तेजी से उभरा। उनकी एक रिपोर्ट ने अब टीएमसी में राजनीतिक तूफान ला दिया है।

I-PAC द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार इन 110 विधायकों की अपने क्षेत्रों में नकारात्मक छवि बन गई है और अगर इन्हें फिर से मैदान में उतारा जाता है, तो वे सीधे तौर पर अपनी सीट खो देंगे। इस रिपोर्ट से बड़ी संख्या में विधायक और पार्टी के पदाधिकारी नाराज बताए जा रहे हैं।

टीएमसी के वरिष्ठ नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहें हैं, लेकिन पार्टी मामलों में अभिषेक के बढ़ते दबदबे से वे नाराज हैं। यह वही नेता है जिन्होंने पिछले साल लोकसभा चुनाव में तृणमूल को मिले झटके के बाद किशोर को काम पर रखा था।

ममता शुरुवाती झटके खाने के बावजूद किशोर के सुझावों पर आँख मूंदकर भरोसा कर रही है जिसकी वजह से उनकी पार्टी के विधायको और पदाधिकारीयों का मानना है की इसका खामियाजा तृणमूल को भविष्य में भुगतना पड़ सकता है ।

शुरुआती तौर पर किशोर ने दीदी के बोलो अभियान शुरू किया था जिससे लोग अपनी शिकायतों को सीधे ममता बैनर्जी तक पहुँचा सकें और उनसे मदद मांग सकें। दिलचस्प बात यह है कि दीदी के बोलो हेल्पलाइन में प्राप्त ज्यादातर शिकायतें तृणमूल के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार और लोगों से की गई दुर्भावना के बारे में होती हैं ।

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