डॉ प्रितपाल कौर बत्रा के लिए भले ही पुलिसिंग उनका एक पेशा है लेकिन अपनी सीमाओं से परे जा के कुछ अलग करना उनका जुनून है।
पुलिस सेवा में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही , 2016 बैच की इस भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस ) अधिकारी ने नागालैंड राज्य में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।उनकी प्रभावी पुलिसिंग से परे, भी उनसे जुड़ी कई प्रेरणादायक कहानियां हैं।
उनकी पहली पोस्टिंग एक उप-विभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में नागालैंड के पूर्वी सीमावर्ती जिले तुएनसांग के एक दूरस्थ स्थान में हुई। स्थानीय लोगों से उन्हें जो स्नेह और स्वागत मिला, वह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ बन गया। वह वहां के लोगो से मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत थी।
2018 में जब वो वहाँ पहली बार पहुंची तो इस जगह की अद्भूत सुंदरता के अलावा, उन्हें सबसे ज्यादा जिस चीज ने अंदर तक छुआ वह था वहां के स्थानीय लोगों का वास्तविक और दयालु होना। डॉ कौर जो नोकलाक जिले की पुलिस अधीक्षक हैं, कहती है कि “मेरे बाहरी होने के बावजूद, सबने मुझे यहाँ घर जैसा महसूस कराया, और इसी ने मुझे यहां मेरे वास्तविक काम से ज्यादा कुछ करने के लिए प्रेरित किया ताकि यहाँ के स्थानीय लोगों का चहुँमुही विकास हो सके।
उन्होंने स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए काम करना शुरू किया,जिसके लिए सबसे पहले उन्होंने शिक्षण और खेती की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए कार्य प्रारंभ किये। डॉ. कौर ने युवा पीढ़ी के सुधार को अपना लक्ष्य बनाया जो नशे के आदी हो रहे थे, वह उनके लिए किताबें और अध्ययन सामग्री ले आई, और नशीली दवाओं के आदी हो चुके युवाओं के इलाज के लिए प्रभावी रूप से काम किया।
उन्होंने उनकी मानसिक स्थिति सुधारने के लिए उनकी काउंसलिंग की और उन्हें नौकरी एवं आत्म निर्भर बनने के लिए नए नए कौशल सिखाए। इसके अलावा, उन्होंने क्षेत्र के विकास, मादक पदार्थों से संबंधित समस्याएं, एचआईवी-एड्स और कई अन्य सामाजिक समस्याओं से पीड़ित नागा हिल्स के समुदायों के कल्याण के लिए काम किया।
डॉ. कौर ने उनके विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके । उन्होंने छात्रों को सरकारी नौकरियों में आने और देश सेवा करने के लिए प्रेरित करने हेतु मुफ्त कोचिंग कक्षाएं शुरू कीं। उनके इन प्रयासों के परिणाम भी सामने आए हैं क्योंकि लगभग 53 प्रतिभागियों ने नागालैंड के सीएम छात्रवृत्ति परीक्षा और राज्य सरकार के अन्य विभागीय परीक्षाओं में सफलता भी पा ली है। इसके अलावा कई प्रतिभागी सिविल सेवा परीक्षाओं में भी भाग लेने वाले हैं।
हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली ये आई पी एस अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र के साथ भी काम कर रही हैं और कई किसानों को कृषि के आधुनिक साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने उनको आधुनिक जैविक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए उन्हें प्रेरित और प्रशिक्षित भी किया है।
और अब वे उन्हें खाद्य प्रसंस्करण का उपयोग समझने में मदद कर रही है ताकि इससे उन्हें अपनी फसल के लिए कच्चे माल, बीज, और अन्य रसद आसानी से हासिल हो सके।