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नई दिल्ली, अगस्त 15
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले 25 सालों में जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक हमें पांच संकल्पों को पूरा करना है।
76 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहा, “मुझे लगता है आने वाले 25 साल के लिए हमें पंच प्रण पर अपनी शक्ति केंद्रित करनी होगा। जब मैं पंचप्रण की बात करता हूं तो पहला प्रण है कि अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा। दूसरा प्रण है हमें अपने मन के भीतर, आदतों के भीतर गुलामी का कोई अंश बचने नहीं देना है। तीसरी प्रण, हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। और पांचवां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य, जिसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता।”
उन्होंने कहा कि 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव से भरी हुई है। सुख-दु:ख की छाया मंडराती रही है और इसके बीच भी हमारे देशवासियों ने उपलब्धियां हासिल की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है, संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है।
विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है। अपेक्षा से देख रहा है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का यह बदलाव, विश्व की सोच में यह परिवर्तन 75 साल की हमारी अनुभव यात्रा का परिणाम है।
मोदी के कहा कि जब राजनीतिक स्थिरता हो, नीतियों में गतिशीलता हो, निर्णयों में तेजी हो, तो विकास के लिए हर कोई भागीदार बनता है। हम सबका साथ, सबका विकास का मंत्र लेकर चलें थे, लेकिन देखते ही देखते देशवासियों ने सबका विश्वास और सबके प्रयास से उसमें और रंग भर दिए हैं।
आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज़ को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे, 75 साल के बाद वो आवाज़ सुनाई दी है। प्रधानमंत्री के कहा कि 75 साल के बाद लाल किले पर से तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने किया है। कौन हिन्दुस्तानी होगा, जिसको यह आवाज़ उसे नई प्रेरणा, ताकत नहीं देगी।
उन्होंने कहा किए देश के सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भर की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में मेरी सेना के जवानों ने सेना नायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया है। मैं उनको जितनी सलूट करूं, उतनी कम है!
मोदी ने कहा किए जब वे भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करते है तो लोगों को लगता है कि वे सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। “जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। मेरे देश के नौजवानों मैं आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए, आपके सपनों के लिए मैं भाई-भतीजावाद के खिलाफ लड़ाई में आपका साथ चाहता हूं,” मोदी ने कहा।
इस अमृतकाल में, हमें आने वाले 25 साल में, एक पल भी भूलना नहीं है। एक-एक दिन, समय का प्रत्येक क्षण, जीवन का प्रत्येक कण, मातृभूमि के लिए जीना और तभी आजादी के दीवानों को हमारी सच्ची श्रंद्धाजलि होगी।