अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में राहुल गाँधी और काँग्रेस के अन्य नेताओ के व्यक्तित्व पर टिप्पणी की है। सिर्फ कांग्रेस के नेताओ की लिए नहीं अपितु लोगो के लिए भी आश्चर्य का विषय है कि ओबामा की राहुल गांधी से हुई चंद मुलाकातों और कुछ सामान्य चर्चाओ के आधार पर वे ऐसी राय कैसे दे सकते है?
बराक ओबामा को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जिन्हें आम तौर पर उनके शब्दों से मापा जाता है। ओबामा ने अपने नए प्रकाशित राजनीतिक संस्मरण “ए प्रॉमिस लैंड” में राहुल गांधी के बारे में बात की है।
बराक ने लिखा, ‘राहुल गांधी एक ऐसे छात्र हैं जिन्होंने अपना कोर्सवर्क तो किया है और शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उत्सुक भी हैं लेकिन इस विषय में महारत हासिल करने के लिए या तो उनमें योग्यता नहीं है या जुनून की कमी है।’
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का यह अवलोकन शायद दोनों की पहली कुछ मुलाकातों पर आधारित हो सकता है क्योंकि दोनों की बहुत कम मुलाकातें ही हुई हैं। 2017 में ओबामा की तस्वीर के साथ, राहुल गांधी ने पोस्ट किया था, कि ” महान राष्ट्रपति @बराक ओबामा के साथ फिर मिलकर अच्छी बातचीत हुई।”
इस बातचीत के दौरान ही क्या बराक ने राहुल को समझा होगा और निष्कर्ष पर पहुंच गए होंगे । हालांकि एक भारतीय नेता के चरित्र और व्यक्तित्व का मामला देश का आंतरिक मामला है, जो किसी भी अंतर्राष्ट्रीय नेता द्वारा मूल्यांकन का विषय नहीं है। इसलिए भारत के लोगो के बीच काम से काम यह विषय चर्चा, टिप्पणी या परिहास का नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सटीक व्यक्तित्व की और कहा “बराक ओबामा और राहुल गांधी ने 8-10 साल पहले मुलाकात की होगी, जब वह अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में यहां आए थे। कुछ बैठकों में किसी का आकलन करना कठिन है। तब से लेकर अब तक राहुल गांधी का व्यक्तित्व काफी बदल गया है, अब वे काफी अनुभवी हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में उन्होंने कहा: “रक्षा सचिव बॉब गेट्स और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दोनों के बीच काफी एकता है”। सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए ओबामा के कार्यकाल के दौरान सत्ता में थी।
बराक ओबामा जैसे परिपक़्व और अनुभवी राजनेता के द्वारा सोनिया गांधी पर गई टिप्पणी वास्तव में आश्चर्य का विषय है।