5 अगस्त को अयोध्या में हुए भगवान राम के मंदिर के भव्य भूमि पूजन समारोह के बाद शहर का माहौल अपने पूज्य भगवान राम के उत्सव के रूप में बदल गया था।
राजा राम के इस शहर में आगामी शारदीय नवरात्रि के दौरान होने वाली राम लीला बॉलीवुड के विशेष रंगों से सजी और आनंदित करने वाली होती। लेकिन अब कोविड 19 महामारी ने इसे झटका दे दिया है क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने शहर में राम लीला आयोजित करने की अनुमति से इनकार कर दिया है।
इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले सरकारी विभाग अयोध्या शोध संगठन के प्रबंधक राम तीरथ ने कहा कि राम लीला को शहर में मंचित करने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन सरकार द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया है ।
तीरथ ने कहा कि विभाग द्वारा अयोध्या संग्रहालय परिसर के भीतर खुले में राम लीला आयोजित करने की अनुमति मांगी गई थी।
उन्होंने कहा कि “300 से अधिक राम लीला कलाकारों को पिछले सात महीनों से अपनी आजीविका चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड 19 की वजह से जब से राम लीला का प्रदर्शन बन्द हुआ है तब से सरकार ने उन्हें भुगतान जारी नहीं किया है।
जिस शहर में भगवान राम का जन्म हुआ, वहाँ कई ऐसे आयोजन होते है, और अब जब कलाकारों के पूर्वाभ्यास शुरू करने का समय है, तब वे सब अपने व्यवसायों में लगे हुए हैं।
संगीता, जो सीता की भूमिका निभाती है, ब्यूटी पार्लर में वापस आ गई है जहाँ वह पहले काम कर रही थी। जबकि लक्ष्मण व्यायामशाला में लगे हुए हैं, और “राम” अपनी किराने की दुकान में व्यस्त हैं।
कलाकारों का कहना है कि ऐसी महामारी में कार्यक्रम में भाग न लेना ही ज्यादा अच्छा है। क्योंकि ऐसे में कार्यक्रम करने के सख्त प्रतिबंध लागू होंगे,हर कलाकार को सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए प्रदर्शन करना होगा।
महामारी के दौरान अच्छाई और बुराई के बीच होने वाली ये लड़ाई संपर्क-मुक्त और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लड़ी जाएगी।भगवान राम और दानव राजा रावण फेस मास्क लगाए हुए होंगे। दोनो के हाथों में सेनिटाइज किए हुए हथियार होंगे और इनकी सेना भी सीमित होगी।
और रावण को सीता का संपर्क-मुक्त अपहरण करना होगा।