राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल नागपुर से नहीं चलता, छत्तीसगढ़ के एक गांव का एक व्यक्ति भी संघ की सर्वोच्च टोली में महत्पूर्ण पद प्राप्त कर सकता है।
छत्तीसगढ़ के पाटन तहसील के छोटे से गांव सोनपुर के रहने वाले रामदत्त चक्रधर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह का दायित्व दिया गया है। उन्हें संघ के प्रथम सात अधिकारिओ में स्थान दिया गया है।
एक छोटे से किसान परिवार में जन्मे रामदत्त ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में प्राप्त की। बारिश के मौसम में वे बहते नाले को पार करके शाला जाते थे । पढ़ाई में वे काफी तेज थे इसलिए शाला शिक्षा के बाद वे राजनांदगाव में उच्च शिक्षा प्राप्त करने आ गए। आप ने गणित विषय में स्नातकोत्तर किया वह भी स्वर्ण पदक के साथ।
बाद में उन्होंने समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। उन्होंने रायपुर महानगर के प्रचारक के रूप में कार्य किया फिर दुर्ग विभाग के प्रचारक बने। छत्तीसगढ़ के सह प्रान्त प्रचारक बने फिर प्रान्त प्रचारक। उन्हें बाद में मध्य क्षेत्र (मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़) के प्रचारक का दायित्व दिया गया।
रामदत्त इन तीनो पदों की जिम्मेदारी संभालने वाले छत्तीसगढ़ मूल के पहले व्यक्ति है। वे बाद में बिहार झारखण्ड के क्षेत्र प्रचारक बनाये गए ।