भारत सरकार के पत्तन, पोत और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने रेमेडिसविर दवा के सभी मौजूदा विनिर्माताओं और अन्य हितधारकों के साथ 12 और 13 अप्रैल 2021 को आयोजित बैठकों में रेमेडिसविर की उपलब्धता के मुद्दे की समीक्षा की थी। इसमें रेमेडिसविर का उत्पादन/आपूर्ति बढ़ाने और इसकी कीमतों को कम करने संबंधी फैसले लिए गए।
रेमेडिसविर के सात विनिर्माताओं की मौजूदा कुल स्थापित क्षमता 38.80 लाख शीशियां प्रति माह है। छह विनिर्माताओं को 10 लाख शीशियां प्रति माह की उत्पादन क्षमता वाले सात अतिरिक्त स्थलों के लिए फास्ट-ट्रैक अनुमति दी गई है। वहीं अन्य 30 लाख शीशियां/प्रतिमाह उत्पादन प्रक्रिया में है। इससे विनिर्माण क्षमता में लगभग 78 लाख शीशियां/प्रति माह बढ़ोतरी हो जाएगी।
इसके अलावा अतिरिक्त उपाय के रूप में, घरेलू बाजार में रेमेडिसविर की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए डीजीएफटी द्वारा 11 अप्रैल 2021 को रेमेडिसविर, एपीआई और फॉर्मूलेशन को निर्यात प्रतिबंध के तहत रखा गया है। वहीं सरकार के हस्तक्षेप पर निर्यात के लिए रखी गई रेमेडिसविर की 4 लाख शीशियों को घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए विनिर्माताओं को दी गईं। ईओयू/सेज इकाइयों को भी घरेलू बाजार में आपूर्ति करने को लेकर सक्षम बनाया जा रहा है।
कोविड के खिलाफ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों का समर्थन करने के लिए रेमेडिसविर के विनिर्माताओं ने अपनी इच्छा से इस हफ्ते के अंत तक इसकी कीमत 3500 रुपये से कम करने की बात कही है। वहीं रेमेडिसविर के विनिर्माताओं को अस्पताल/सांस्थानिक स्तरीय आपूर्ति को पूरा करने के लिए प्राथमिकता देने को लेकर निर्देश दिया गया है।
वहीं डीसीजीआई द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों के प्रवर्तन अधिकारियों को रेमेडिसविर की काला-बाजारी, जमाखोरी एवं अधिक कीमत वसूली की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) रेमेडिसविर की उपलब्धता की लगातार निगरानी कर रहा है।