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लखनऊ, जनवरी 25
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा का दामन थाम लिया।
सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र की प्रति ट्विटर पर साझा की और कहा, ‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं। जय हिंद।’ उन्होंने इस्तीफे में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा है, ‘‘मैं राष्ट्र, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए आपका (सोनिया) धन्यवाद करता हूं।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह अब तक कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
कुशीनगर जिले के पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है। उन्होंने पडरौना विधान सभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1996, 2002 और वर्ष 2007 में जीत दर्ज की थी।
इसके बाद वह कुशीनगर से 2009 के लोक सभा चुनाव में जीतकर वह सांसद बने और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीएन सरकार में गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। हालांकि, इसके बाद के चुनावों में उन्हें लगातार हार का ही सामना करना पड़ा।
बीजपी जॉइन करते हुए सिंह ने कहा, ‘मैं 32 सालों तक एक पार्टी में रहा और ईमानदारी और मेहनत से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया. लेकिन अब वह वैसी रह नहीं गई जो थी, ना ही वह सोच रह गई है, जब मैंने वहां शुरुआत की थी।’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट के सदस्य रहे आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें पिछले कुछ समय से लगाई जा रही थी। वह कांग्रेस में अलग-थलग महसूस कर रहे थे। एक समय वे राहुल गाँधी के बेहद करीब थे।
आरपीएन सिंह के अचानक बीजेपी में आने की बड़ी वजह स्वामी प्रसाद मौर्य को बताया जा रहा है, जो हाल में सपा में शामिल हुए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य और आरपीए आरपीएन सिंह, कुशीनगर की राजनीति के दो अलग-अलग ध्रुव हैं और दोनों के बीच राजनीतिक नूराकुश्ती 2009 से चल रही है।