न्यूज़ रिवेटिंग
रायपुर, नवंबर 26
विगत दिनों छत्तीसगढ़ शासन ने द्वारा पूरी क्षमता के साथ स्कूल खोलने पर विचार किया है। शासन का यह निर्णय छत्तीसगढ़ राज्य पर नियंत्रित होते कोरोना संकट को पुनः संक्रामक भयावह स्थिति में न ले आए, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।
उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन को निम्न बिन्दुओ पर पुनः विचार करना चाहिए: विगत दिनों पड़ोसी उड़ीसा में ७० तथा महाराष्ट्र में लगभग १०० बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए। बच्चों को अभी कोरोना का टीका नहीं लगा है अंतः उनके संक्रमित होने की पूरी संभावना है।
राज्य सरकार एक ओर जहाँ केंद्र से बूस्टर डोज की मांग कर रही हैं वहीं दूसरी ओर बच्चे जिन्हे टीका नहीं लगा इस तरह पूरी क्षमता से स्कूल भेजना क्या उचित होगा? स्कूल पहुंचे के बाद बच्चों में सामाजिक दूरी बनाए रखना लगभग असंभव है।
बच्चे स्कूल में हर वर्ग व हर क्षेत्र से आते हैं। ऐसी स्थिति में उनके संक्रमित होने तथा दूसरे बच्चों को संक्रमित करने की पूरी संभावना है। अधिकांश बच्चे स्कूल ऑटो से जिस प्रकार आते हैं ओर ऑटो बच्चों को स्कूल छोड़ने के उपरांत पुरे शहर में सवारी लेते जाते हैं उससे संक्रमण की संभावना बनी रहेगी।
यूरोप के कई देशों में संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए संभल कर रहने की आवश्यकता है।
अंतः शासन को जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं उन्हें यथावत पढ़ने देना चाहिए वही १२ वर्ष के बच्चों को शीघ्र टीका लगवाने का प्रयास होना चाहिए। जिन बच्चों के पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है उनके लिए शासन को वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध करनी चाहिए और ११ प्रैक्टिकल के लिए जिन बच्चों का स्कूल जाना अनिवार्य है उनके लिए सुरक्षित व्यवस्था करनी चाहिए।
(ये विशेषज्ञों की निजी राय है)