चीन के लिए जासूसी करने ओर गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पत्रकार राजीव शर्मा ग्लोबल टाइम्स में नियमित रूप से लेख लिख रहे थे। चीन सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स में उनकी खबरें नियमित रूप से छप रही थी और इसी से चीनी खुफिया एजेंसियों का ध्यान उनकी ओर गया ।
ग्लोबल टाइम्स जो किसी भारतीय या अमेरिकी राजदूत से सम्बन्धित खबर नही छापता था उसमे शर्मा के लेख नियमित रूप से 2010 और 2014 के बीच दिखाई दिए।
चीनी शहर कुनमिंग के खुफिया एजेंसी सदस्य माइकल ने उनसे संपर्क किया और उन्हें चीन आमंत्रित किया। शर्मा चीन पहुंचे और माइकल से मुलाकात की। उस समय माइकल के साथ उनका एक सहयोगी जोउ भी साथ था।
दोनों ने शर्मा से कहा वे भारत-चीन संबंधों से संबंधित गोपनीय जानकारी उन्हें दे। साथ ही चीन-भारत-भूटान त्रिकोणीय जंक्शन, डोकलाम और भारत-म्यांमार सैन्य सहयोग पर सेना की तैनाती के बारे में जानकारी मांगी गयी।
कई अखबारों और एजेंसियों के साथ कामकरने वाले शर्मा अभी स्वतंत्र पत्रकार के रूप में लिख रहे थे। शर्मा 2016 से 2018 के बीच माइकल और जोउ के संपर्क में रहे और उनको भारत की सुरक्षा सम्बंधित महत्पूर्ण जानकारी देते रहे। इसके बदले उन्हें अच्छा खासा भुगतान किया गया।
जनवरी 2019 में, शर्मा उसी कुनमिंग शहर के एक अन्य व्यक्ति जॉर्ज के संपर्क में आए जिन्होंने फिर से उन्हें चीन आमंत्रित किया। वे काठमांडू के रास्ते गए और जॉर्ज से मिले जिन्हें एक प्रमुख मीडिया हाउस का महाप्रबंधक बताया गया था।
पुलिस के मुताबिक, शर्मा को दलाई लामा के साथ ही कई अन्य “मुद्दों” पर लिखने कहा गया । उन्हें प्रत्येक लेख के लिए 300 अमेरिकी डॉलर की पेशकश की गई। पुलिस के अनुसार जनवरी 2019 से सितंबर 2020 तक, शर्मा को 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
यह राशि उन्हें शेल कंपनियों और हवाला के माध्यम से स्थानांतरित की गई । पुलिस ने चीनी नागरिक क्विंग शि, और नेपाल के शेर सिंह को गिरफ्तार किया है जो इस चीनी कंपनी के लिए काम कर रहे थे। इनके मालिक चीन में रह रहे है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान, शर्मा ने गुप्त और संवेदनशील रक्षा संबंधी दस्तावेजों की खरीद फरोख्त की बात कबूल की है। उसने कहा कि वह इन दस्तावेजों को जॉर्ज और माइकल को हस्तांतरित करने ही वाला था।