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चेन्नई, 14 दिसंबर
भारतीय सेना तमिलनाडु के नीलगिरी में कुन्नूर के पास नानजप्पा सथिराम गांव को गोद लेगी जहां चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा भारतीय वायु सेना (IAF) का हेलिकॉप्टर 8 दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त हो गया थे।
जनरल रावत, उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर एल एस लिडर के अलावा 10 अन्य कर्मियों की मौत हो गई थी जब अत्यधिक परिष्कृत और सुरक्षित एमआई -17 कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सीडीएस रक्षा अधिकारियों के साथ सुलूर भारतीय वायुसेना स्टेशन से रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) के लिए उड़ान भरे थे जहां उन्हें स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करना था।
दक्षिण भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण ने सेना मुख्यालय के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि नीलगिरी में कुन्नूर के पास नानजप्पा साथिराम गांव को दक्षिण भारत क्षेत्र द्वारा गोद लिया जाएगा।
ग्रामीण ही सबसे पहले हेलिकॉप्टर दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया था। दुर्घटना के बाद शक्तिशाली एमआई-17वी5 में लगी आग को बुझाने के लिए कुछ लोगों ने बाल्टियों में पानी लाकर भी प्रयास किया था।
दो ग्रामीणों, कृष्णासामी और चंद्रकुमार, जिन्होंने दुर्घटना को सबसे पहले देखा और पुलिस और दमकल कर्मियों को सतर्क किया। सेना ने दोनों को पांच-पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया है।
लेफ्टिनेंट जनरल अरुण ने कहा कि अगले साल आठ दिसंबर तक माह में एक बार सेना गांव में चिकित्सा शिविर लगाया जाएगा। “ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य जांच करने के लिए हर महीने एक डॉक्टर और एक नर्स को गांव भेजा जाएगा। ग्रामीण वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में भी मुफ्त परामर्श का लाभ उठा सकेंगे।
भारतीय सेना इससे पहले पुलिस, अग्निशमन और बचाव सेवा कर्मियों, वन कर्मियों और विभिन्न सरकारी विभागों के सदस्यों के अलावा सेना के कर्मियों को मलबे से लोगों को निकालने के प्रयासों के लिए सम्मानित कर चुकी है।