न्यूज़ रिवेटिंग
मुंबई, दिसंबर 4
ममता बनर्जी के प्रहार से आहत कांग्रेस के पक्ष में शिवसेना खुल कर सामने आ गई है और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख
की बातो से असहमति जताई है जिसमे उन्होंने नए गठबंधन का संकेत दिया है।
हाल ही में अपने मुंबई दौरे के दौरान ममता बनर्जी ने शरद पवार से मिलने के बाद कहा कि अब कोई संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (यूपीए) नहीं है। इस गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस कर रही है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि कांग्रेस को अलग करके दूसरा गठबंधन खड़ा करना केवल भाजपा को मजबूत करना होगा। साथ ही सामना में यह भी लिखा गया कि बीजेपी को आज एनडीए की जरूरत नहीं है लेकिन अभी भी विपक्ष के लिए यूपीए जरूरी है।
लेख में लिखा गया कि कांग्रेस को राष्ट्रीय दृस्य से दूर रखकर राजनीति करना मौजूदा फासीवादी शासन को बल देने के समान है। मोदी और भाजपा चाहती है कि कांग्रेस पूरी तरह से ख़त्म हो जाए। लेकिन मोदी और भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले लोगों का भी यह एजेंडा हो कि कांग्रेस ख़त्म हो जाए, यह बेहद ही खतरनाक है।
संपादकीय में यह भी कहा गया कि जो लोग मजबूत विपक्ष चाहते हैं और दिल्ली की सत्ता से भाजपा को उतारना चाहते हैं उन्हें यूपीए को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए। सामना में लिखे गए लेख में कहा गया कि जिनको भी कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए स्वीकार नहीं है उन्हें खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए लिखा कि पर्दे के पीछे गप-शप न करें क्योंकि इससे भ्रम और संदेह पैदा होता है।
सामना के लेख में प्रशांत किशोर की भी आलोचना की गई है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को विपक्षी नेतृत्व के फैसले लेने का दैवीय अधिकार नहीं है।