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पटना, नवंबर 15
दिल्ली के महरौली में छह महीने पहले २६ वर्षीय श्रद्धा को उसके तथाकथित मित्र आफताब ने कत्ल कर दिया और शव के ३५ टुकड़े कर दिए और १८ दिनों तक,जंगल में टुकड़े फेंकता रहा।
पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता और एडवोकेट्स एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव छाया मिश्र ने कहा कि कोई भी शब्द काफी नही है आफताब जैसे राक्षस के लिए। दुख है श्रद्धा ने अपने माता और पिता से किनारा कर लिया आफताब के लिए और अपना घर छोड़ मुंबई से दिल्ली आ गई।
आफताब ने जुलाई १९९५ में तंदूरी कांड को भी पीछे छोड़ दिया है। छाया मिश्र ने कहा भारतीय कानून की नजर में यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मर्डर केस है। दुख है, छह माह तक श्रद्धा के आस पास के लोगो ने कुछ नहीं देखा,उसके नियोक्ता भी उदास रहे,श्रद्धा के मित्र भी अलग रहे,
“मेरा अनुरोध है इस मामले में त्वरित अनुसंधान हो,फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और आफताब जो पापी है, रक्षश है,जन हित में फांसी पर लटका दिया जाए,” उन्होंने कहा।
छाया मिश्र ने कहा कि एक महिला अधिवक्ता के नाते वे श्रद्धा की परिवार के तरफ से वकालत के लिए स्वयं समर्पित रहेंगी और कोई शुल्क नही लेंगी।