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पटियाला, मई 22
इसे जेल प्रशासन की एक बड़ी चूक कहा जा सकता है; पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला सेंट्रल जेल के जिस बैरक में रखा गया था वहां ड्रग्स और अवैध हथियारों के मामलों में बंद आरोपी को भी रखा गया था।
अपने पूरे राजनीतिक जीवन में सिद्धू ड्रग्स का मुद्दा उठाते रहे हैं। 1988 के रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद सिद्धू ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उसी शाम करीब साढ़े सात बजे औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सिद्धू को बैरक में बंद कर दिया गया।
सिद्धू को पटियाला जेल के अंदर लाइब्रेरी बैरक नंबर 10 एक अन्य आरोपी के साथ साझा करना पड़ा। कांग्रेस के नेता को जिस बैरक में रखा गया था वहां पूर्व पुलिस अधिकारी इंद्रजीत सिंह नहीं बंद थे।
इसे जेल प्रशासन की एक बड़ी चूक कहा जा सकता है, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला सेंट्रल जेल के जिस बैरक में रखा गया था वहां ड्रग्स और अवैध हथियारों के मामलों में बंद आरोपी को भी रखा गया था।
अपने पूरे राजनीतिक जीवन में सिद्धू ड्रग्स का मुद्दा उठाते रहे हैं। 1988 के रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाये जाने के एक दिन बाद सिद्धू ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उसी शाम करीब साढ़े सात बजे औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सिद्धू को बैरक में बंद कर दिया गया।
कथित तौर पर प्रमुख ड्रग्स सांठगांठ में शामिल होने के आरोप में इंद्रजीत सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इस मामले में कई हाई-प्रोफाइल अधिकारी शामिल हैं बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के आवास से 2017 में एके-47 सहित अवैध हथियार और नशीला पदार्थ बरामद किया गया था।
पंजाब के एक समाचार पत्र के मुताबिक सिद्धू को उसी बैरक में कैदी के रूप में देखकर निचले स्तर के जेल कर्मचारी भी हैरान थे। पंजाब की जेलों में पहले ही हत्याएं देखी जा चुकी हैं और सिद्धू अपने ड्रग विरोधी रुख के कारण उनकी हिट लिस्ट में हैं।
बताया जा रहा है कि जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान में आया तो तुरंत इंद्रजीत सिंह को दूसरे बैरक में शिफ्ट किया गया।