कांग्रेस में बढ़ा “कमल” का वर्चस्व

सोनिया गांधी की अहम बैठक में नाराज नेताओं ने राहुल के नाम पर जताई सहमति और चिंतन शिविर आयोजित करने के लिए राजी हो गए है।

और यह सब संभव हुआ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कारण। उन्हें गांधी परिवार के वफदार माना जाता हैं। हाल ही में सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का निधन हो गया था, जिस वजह से असंतुष्ट नेताओं और गांधी परिवार के बीच की एक कड़ी टूट गई।

सूत्रों के मुताबिक इस बीच कमलनाथ आगे आए और उन्होंने सोनिया गांधी को बैठक की सलाह दी। इस बैठक के लिए कमलनाथ ने कई असंतुष्ठ नेताओं से मुलाकात भी की थी। साथ ही उनको आज उपस्थित होने के लिए राजी किया। बताते है सोनिया गांधी पहले असंतुष्ट नेताओं के साथ बैठने को राजी नहीं हुई। कमलनाथ के पहल पर वे तैयार हो गयी।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज अपने आवास पर पार्टी की एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, बीएस हुड्डा, अंबिका सोनी और पी चिदंबरम समेत तमाम नेता 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे। इस मीटिंग में प्रियंका और राहुल गांधी भी मौजूद रहे।

करीब पांच घंटे तक चली इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस में चल रही कलह को खत्म करने की कोशिश की गई। साथ ही पार्टी को मजबूत बनाने के मसले पर चर्चा हुई। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक असंतुष्ट नेताओं ने भी अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के नाम पर सहमति जताई है।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ की रणनीति पर सोनिया गांधी आने वाले दिनों में और भी असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात करेंगी।

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