आर कृष्णा दास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और उसे गति देने के लिए कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है। यह घोषणा स्टील और सीमेंट उद्योगों के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन खपत क्षेत्र को आगे बढ़ाने में असमर्थ हो सकती है।
सरकार ने अपनी नई घोषित योजनाओं के माध्यम से 31 मार्च 2021 से पहले 73,000 करोड़ रुपये की मांग को बढ़ाने का अनुमान लगाया। कुल अतिरिक्त मांग 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है ।
इसमें से, LTC वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना के माध्यम से 36,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांगें उत्पन्न होने की उम्मीद है । शेष 37,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त केंद्र और राज्य पूंजीगत व्यय के रूप में होंगे।
सरकार की योजना केंद्रित है पूंजीगत व्यय पर जहां राज्य और केंद्र सड़क, शहरी विकास, रक्षा और जल आपूर्ति जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में उल्लिखित परियोजनाओं पर अधिक खर्च करेंगे। राज्यों को मौजूदा परियोजनाओं के लिए भुगतान करने के लिए इन फंडों का उपयोग करने का विकल्प दिया गया है।
जरुरी नहीं है की राज्यों को आवंटित १२,००० करोड़ रुपये, जो बिना किसी ब्याज के ५० वर्षों में चुकानी पड़ेगी, आवश्यक रूप से नए परियोजनाओं में प्रवाहित होगी । राज्यों के लिए आवंटन निवेश संरचना को बदलने के अनुपात में नहीं है और केवल धन के लिए रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने में उपयोगी होगी ।
केंद्र निवेश पर 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा, जो अधिक प्रत्यक्ष होगा और संबंधित उद्योगों की मदद करेगा। इस्पात, सीमेंट, पूंजीगत सामान आदि उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
विशेष त्योहार अग्रिम योजना ब्याज मुक्त होगी और राजपत्रित और अराजपत्रित दोनों अधिकारी 10,000 रुपये की अग्रिम राशि ले सकेंगे जिसे दस किश्तों में वापस भुगतान करना होगा । चूंकि सरकार ने कही भी यह नहीं कहा है कि अग्रिम राशि का उपयोग कैसे करना है , इसलिए इसे नियमित रूप से किराने की खरीदारी के लिए भी लिया जा सकता है। आवश्यक नहीं है ये पूंजी बाजार में आये।
इसलिए, 8000 करोड़ रुपये की राशि उपभोक्ता वस्तुओं के लिए नहीं जा सकती है। इसके अलावा, यह संभावना नहीं थी कि कर्मचारी अपने एलटीसी में नकद के साथ-साथ उपभोक्ता सामान खरीदने के लिए करेंगे ।
इस त्योहारी सीजन में कुछ वस्तुओं के निर्माता और ऑटो डीलर मांग में वृद्धि देख सकते हैं।