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नई दिल्ली, दिसंबर 17
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की पीड़ित बिलकिस बानो की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुए रेप के 11 दोषियों की जल्द रिहाई का विरोध किया था।
बानो 2002 में गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।बिलकिस ने उस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसके तहत दोषियों की सजा माफ की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुए रेप के 11 दोषियों की जल्द रिहाई का विरोध किया था। बिलकिस ने उस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसके तहत दोषियों की सजा माफ की गई थी।
15 अगस्त को गुजरात सरकार ने अपने 1992 के जेल नियमों के तहत 11 दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया था। इसे लेकर कई संगठनों ने नाराजगी भी बयां की थी।
2002 के गुजरात दंगों के दौरान बानो के साथ गैंग रेप किया गया था और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। जस्टिस अजय रस्तोगी और विक्रम नाथ की बेंच के समक्ष 13 दिसंबर को विचार के लिए समीक्षा याचिका आई थी। सुप्रीम कोर्ट के सहायक रजिस्ट्रार द्वारा बानो की वकील शोभा गुप्ता को भेजे गए एक कम्यूनिकेशन में कहा गया-“मुझे आपको सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई समीक्षा याचिका को अदालत ने 13 दिसंबर, 2022 को खारिज कर दिया था।”
गैंगरेप पीड़िता ने एक दोषी द्वारा दायर याचिका पर शीर्ष अदालत के 13 मई के आदेश की समीक्षा की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से नौ जुलाई, 1992 की अपनी नीति के तहत दोषियों की समय से पहले रिहाई की याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था। सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने छूट दी और 15 अगस्त को रिहा कर दिया था।
इससे पहले बिलकिस बानो की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। हालांकि कोर्ट ने नई बेंच गठित करने से इनकार किया था। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बार-बार एक ही बात का उल्लेख न करें। यह बहुत परेशान करने वाला है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने बुधवार को सुनवाई करते हुए नई बेंच गठित करने की मांग पर यह कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
बिल्किस बानो के वकील ने इस मामले की सुनवाई कर रहे जजों की बेंच में से एक जस्टिस बेला त्रिवेदी के बेंच से मंगलवार को बाहर निकलने के बाद उन्हें एक नई पीठ स्थापित करने पर विचार करने के लिए कहा था। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिका सूचीबद्ध किया जाएगा। कृपया बार-बार एक ही बात का उल्लेख न करें। यह बहुत परेशान करने वाला है।