प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र-पंजाब सरकारें आमने-सामने, वकीलों के बीच ऐसे चली सुनवाई, जानिए क्या बोले चीफ जस्टिस

न्यूज़ रिवेटिंग

नई दिल्ली, जनवरी 7

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे में सुरक्षा चूक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई की गई।

केंद्र सरकार और पंजाब सरकार की तरफ से जमकर बहस की गई वही दोनों सरकारों ने कहा कि वे एक-दूसरे की जांच कमेटी से संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने दोनों सरकारों से कहा है कि वे अपनी जांच सोमवार तक रोक दें। अब अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान उनके यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पुलिस अधिकारियों, एसपीजी और अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को सहयोग करने और पूरे रिकॉर्ड को सील करने के लिए जरूरी मदद करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ये मामला सिर्फ किसी एक पर नहीं छोड़ा जा सकता है। ये सीमा पार आतंकवाद का मामला है, इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि इस घटना से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। पंजाब के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है। घटना के दिन ही राज्य सरकार ने एक जांच कमेटी का गठन किया था। बता दें कि इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी, इसमें पीएम की सुरक्षा में लापरवाही बरते जाने पर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में ये भी कहा गया है कि बठिंडा के जिला और सेशन जज के जरिए सारे सबूत इकट्‌ठा करवाकर इसकी जांच करवाई जाए।

सुप्रीम कोर्ट में पीएम की सुरक्षा चूक पर सुनवाई-

सुप्रीम कोर्ट बेंच- फिलहाल राज्य और केंद्र सरकार की कमेटी अपना काम रोक दें। हम यह बात आदेश में दर्ज नहीं कर रहे, लेकिन दोनों कमेटियों को यह सूचित कर दिया जाए।

बेंच- हाइकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल चंडीगढ़ के डीजी का सहयोग लें। NIA के भी एक वरिष्ठ अधिकारी भी टीम में हों। सोमवार को अगली सुनवाई होगी।

CJI- हमने सभी वकीलों को सुना। मामला PM की सुरक्षा से जुड़ा है। हम पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिकॉर्ड संरक्षित करने का आदेश देते हैं। पंजाब सरकार उनका सहयोग करे।

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता- यह सुरक्षा में कमी पर हमारी आंतरिक जांच है।

CJI- क्या आप निष्पक्ष जांच की मांग से सहमत हैं?

तुषार मेहता- पहले रिकॉर्ड सुरक्षित किए जाएं। इस पहलू पर कोर्ट सोमवार को विचार कर ले।

CJI- दोनों सरकारों ने कमेटी बनाई है। एक-दूसरे की कमेटी पर सवाल भी उठा रहे हैं।

तुषार मेहता- अगर SPG के IG के हमारी कमेटी में होने से दिक्कत है तो हम उनकी जगह गृह सचिव को रख देंगे।

CJI- पर एक ही मामले की 2 तरह की जांच क्या सही होंगी ?

पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया- अगर राज्य की कमेटी पर एतराज है तो सुप्रीम कोर्ट जैसी चाहे कमेटी बना सकता है। अगर हमारी कमेटी पर एतराज है तो केंद्र की कमेटी में भी एसपीजी के एस. सुरेश हैं उन्हें भी जांच कैसे करने दी जा सकती है?

डीएस पटवालिया-  हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की कमेटी बनाई है। कल फिरोजपुर में FIR भी दर्ज की गई है। केंद्र ने भी एक कमेटी बनाई है। राज्य के अधिकारियों को तलब किया गया है।

तुषार मेहता- हम पंजाब की तरफ से बनाई गई कमेटी के पक्ष में नहीं हैं। उसमें गृह सचिव हैं जो खुद भी संदिग्ध हो सकते हैं। कोर्ट सारे रिकॉर्ड अपने पास ले।

तुषार मेहता- अमेरिका से चलने वाला एक आतंकी संगठन वीडियो जारी कर रहा है, वहां कुछ ऐसा हो सकता था जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय शर्मिंदगी की वजह बनता।

तुषार मेहता- वहां धार्मिक जगह से फ्लाईओवर के दूसरी तरफ भी भीड़ जमा करने की घोषणा हो रही थी।

तुषार मेहता- एक कार 500 मीटर आगे चलती है, जो पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे, उन्होंने उस कार को भी सूचना नहीं दी कि पीएम को आगे आने से रोक दीजिए।

तुषार मेहता- जब पीएम को सड़क मार्ग से जाना होता है तो SPG, राज्य के DGP से पूछती है। उनकी हरी झंडी के बाद ही यात्रा शुरू हो सकती है। जब सड़क पर ब्लॉक था तो मंजूरी क्यों दी गई?

तुषार मेहता- मैं आभारी हूं कि कोर्ट ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया, यह दुर्लभ मामला है।

वकील मनिंदर सिंह – मेरी मांग है कि सबूतों का संरक्षण हो। सही जांच हो। सुप्रीम कोर्ट निगरानी करे। जिला जज NIA का सहयोग लें। जवाबदेही तय हो। भविष्य के लिए निर्देश तय किए जाएं।

वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह- पंजाब जिाला जज और NIA के रिकॉर्ड को संरक्षण में लेने पर ऐतराज नहीं होना चाहिए। अगर राज्य ने 5 जनवरी को जांच कमेटी बनाई तो 6 जनवरी को ट्वीट क्यों किया। हमारे हिसाब से यह कमेटी सही नहीं है।

वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह – सारे रिकॉर्ड कोर्ट के संरक्षण में लिए जाएं। बठिंडा के जिला जज या कोई और जज NIA के सहयोग से ऐसा करें।

वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह – राज्य सरकार ने जो कमेटी बनाई है उसके अध्यक्ष पर भी सवाल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन में हुए भ्रष्टाचार में उस जज के आदेश को संदिग्ध मानते हुए पलट दिया था।

वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह- पीएम को बठिंडा से फिरोजपुर जाते समय 20 मिनट रुकना पड़ा। यह बहुत गंभीर बात है। मैं राज्य सरकार पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। इसकी जांच राज्य नहीं कर सकता।

वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह- यह कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है। संसद से पास SPG ऐक्ट के पालन का मामला है। इसे कोर्ट ने भी मंजूरी दी थी। ऐक्ट की धारा 14 कहती है कि केंद्र, राज्य और हर सरकारी विभाग को इसके आदेश का पालन करना होगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह- एसपीजी के किसी भी सदस्य के निदेशक की सहायता के लिए केंद्र और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश और अन्य स्थानीय प्राधिकरण का कर्तव्य है। एसपीजी अधिनियम के तहत, यह राज्य के विषय या कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है।

इधर, घटना के 48 घंटे बाद पंजाब की चन्नी सरकार ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है। बताया जा रहा है कि पंजाब के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के कारणों का तथ्यों के साथ जवाब भेजा है। जांच टीम ने फिरोजपुर में पीएम सुरक्षा में लगे सीनियर अफसरों से बात करने के बाद ये रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बताया गया कि पूरे पंजाब में पीएम के दौरे का विरोध हो रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैयार किया गया था। बता दें कि 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के बाद गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा था। पंजाब सरकार ने जांच कमेटी में सेवामुक्त जस्टिस मेहताब सिंह गिल और पंजाब के गृह सचिव अनुराग वर्मा को शामिल किया था। इस कमेटी को 3 दिन में रिपोर्ट देना था।

केंद्र सरकार ने भी बनाई है जांच समिति
पीएम की सुरक्षा चूक के मामले में केंद्र सरकार ने भी जांच कमेटी बनाई है। इसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के जॉइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह, सिक्योरिटी सचिव सुधीर कुमार सक्सेना और स्प्रेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के IG एस. सुरेश शामिल हैं। घटना की जांच के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जांच कमेटी मौके पर पहुंच गई है। ये टीम आज घटना से जुड़ी जानकारी जुटाएगी और रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगी।

पंजाब के सीएम ने ये कहा था…
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि मुझे खेद है कि पीएम मोदी फिरोजपुर रैली में नहीं जा सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा। हम अपने पीएम का सम्मान करते हैं। अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम इसकी जांच कराएंगे। पीएम का मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम हमारे पास था। रास्ता रोकने वाले प्रदर्शनकारी अचानक सड़क पर आकर बैठ गए। हालांकि, शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले किसानों से पीएम की सुरक्षा का कोई खतरा नहीं था। हमें उनके (प्रधानमंत्री) अचानक मार्ग परिवर्तन की कोई सूचना नहीं थी।

ये है पूरा मामला
दरअसल, 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में जनसभा को संबोधित करने जाना था। इसके लिए वे सुबह बठिंडा एयरबेस पर पहुंचे। यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक में भगत सिंह की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित करना था, लेकिन खराब मौसम और बारिश की वजह से पीएम मोदी 20 मिनट तक इंतजार करते रहे। बाद में उन्होंने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया। इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था। पंजाब डीजीपी से सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद पीएम मोदी सड़क के रास्ते आगे बढ़े। करीब 30 किमी पहले पीएम मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा तो यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था। इसके चलते पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।

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