अखिलेश पर उपद्रवियों के बल पर शासन करने का आरोप लगाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल

मौर्य का रहा है दल बदलने का लंबा इतिहास, भाजपा छोड़ अब सपा में

स्वामी प्रसाद मौर्य

न्यूज़ रिवेटिंग

लखनऊ, जनवरी 11

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद मंगलवार को राज्य सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

मौर्य ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को भेजा और बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। वे काफी समय से समाजवादी पार्टी के संपर्क में थे।

अस्सी के दशक से राजनीति में सक्रिय मौर्य का दल बदल करना आम बात है। लगभग 20 साल बसपा में रहने के बाद 2017 विधानसभा चुनाव से पहले ये बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी में शामिल मौर्या ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष गुंडों और अपराधियों के बल पर शासन करते हैं।

अब स्वामी प्रसाद ने अखिलेश का ही दामन थाम लिया है। बता दें कि काफी दिनों से स्वामी प्रसाद मौर्य पार्टी से नाराज चल रहे थे। वो अपने लिए, अपने बेटे के लिए और अपने कई समर्थकों के लिए टिकट मांग रहे थे। उन्होंने बसपा भी इसीलिए छोड़ी क्यूँकि मायावती ने उनके बेटे और पत्नी को टिकट देने से इंकार कर दिया था।

मौर्य के साथ तीन विधायक भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया हैं।

यूपी के प्रतापगढ़ जिले में जन्मे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद यूनिवर्स‌िटी से लॉ में स्नातक और एमए की डिग्री की हासिल की है। 1980 में उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखा। वह इलाहाबाद युवा लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने और जून 1981 से सन 1989 तक महामंत्री पद पर रहे। इसके बाद 1989 से सन 1991 तक यूपी लोकदल के मुख्य सचिव रहे। मौर्य 1991 से 1995 तक उत्तर प्रदेश जनता दल के महासचिव पद पर रहे।

1996 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा की सदस्यता ली और प्रदेश महासचिव बने। इसके बाद उन्होंने बसपा के टिकट पर डलमऊ, रायबरेली से विधानसभा सदस्य बने और चार बार विधायक बने। उन्होंने 2009 में पडरौना विधानसभा उपचुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराया। मई 2002 से अगस्त 2003 तक उन्हें मंत्री का दर्जा मिला और अगस्त 2003 से सितंबर 2003 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2007 से 2009 तक मंत्री रहे। जनवरी 2008 में उन्हें बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2016 में उन्होंने बसपा से बगावत करके भाजपा का हाथ थाम लिया था।

मौर्य ने अखिलेश यादव के पुलिस पर दिए हुए बयान को लेकर तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में आतंकवादियों पर से मुकदमा हटाने का प्रयास किया गया था। समाजवादी पार्टी के मुखिया अपराधी गुंडे और उपद्रवियों के बल पर शासन करते हैं। वहीं कुशी नगर में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के कागजी कार्य को योगी सरकार ने पूरा किया इसलिए अखिलेश यादव को योगी सरकार की सराहना करनी चाहिए।

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