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पाकिस्तान अब सदमे में है क्यूंकि तालिबान को लेकर उसने भारत को आड़े लेने की जो योजना बनाई थे वह विफल होती दिख रही है। पाकिस्तान को अब अपने घर को सुरक्षित करने के चिंता सता रही है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद की बहुप्रचारित यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पाकिस्तान बार-बार काबुल आने की जिद कर रहा था जिसे हम ने हाल ही में सहमति दी।”
पाकिस्तान ने हामिद की यात्रा को जोर शोर से प्रसारित किया और दुनिया को बताने का प्रयास किया कि तालिबान ही नयी सरकार में उनका खासा प्रभाव रहेगा। यह भी सन्देश दिया गया कि भारत के लिए परेशानी हो सकती है क्यूंकि तालिबान पाकिस्तान के हिसाब से काम करेगा। लेकिन हामिद की यात्रा का उद्देश्य अलग था और वे वास्तव में तालिबान के पास “गिड़गिड़ाने” गए थे जिसका जिक्र मुजाहिद ने संवाददाता सम्मेलन में बताया।
मुजाहिद ने पाकिस्तान में व्याप्त भय को रेखांकित करते हुए खुलासा किया कि वे कैदियों की रिहाई के बारे में चिंतित हैं, जो पाकिस्तान से संबंधित हैं और पाकिस्तान में हमले करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें आश्वासन दिया कि किसी को भी अफगानिस्तान से किसी देश को धमकी देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान दुनिया के साथ अच्छे संबंध चाहता है, चीन एक बड़ी आर्थिक शक्ति है और अफगानिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास के लिए उनके समर्थन की जरूरत है।
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, “लोगों को पता होना चाहिए कि “आक्रमणकारी” कभी भी हमारे देश का पुनर्निर्माण नहीं करेंगे और यह हमारे लोगों की जिम्मेदारी है कि वे इसे स्वयं करें। कतर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात की एक कंपनी की तकनीकी टीमें काबुल हवाई अड्डे पर परिचालन फिर से शुरू करने के लिए काम कर रही हैं।
तालिबान के एक बयान में सोमवार को कहा गया कि तालिबान बलों ने पंजशीर प्रांत पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है, जिससे सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान में एक इस्लामी और जवाबदेह सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में प्रशिक्षित अफगान बलों को तालिबान बलों के साथ सुरक्षा विभागों में फिर से शामिल होने के लिए कहा जाएगा।