भारतीय रेल की ट्रेनों में आरक्षण के लिए प्रतीक्षा सूची जारी रहेगी।
भारतीय रेलवे ने एक मसौदा (ड्राफ्ट ) तैयार किया है जिसमें पूरे भारतीय रेलवे का आधारभूत ढांचा बदलने की योजना है। नेशनल रेल प्लान के तहत साल 2030 तक माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाकर 45 फीसदी करने का लक्ष्य है। साथ ही मांग पर आधारित यात्री गाड़ियों को चलाने की योजना भी बन रही है।विभिन्न समाचार पत्रों एवं ऑनलाइन प्रकाशनों ने राष्ट्रीय रेल योजना के प्रारूप को व्यापक कवरेज दिया है।
कुछ खबरों के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे ने कहा है कि 2024 से कोई प्रतीक्षा सूची नहीं होगी या 2024 तक केवल कंफर्म टिकटें ही उपलब्ध होंगी।
रेलवे ने बताना और स्पष्ट किया कि रेलगाडि़यों को मांग के अनुसार उपलब्ध कराने के लिए क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे यात्रियों के लिए प्रतीक्षा सूची में आने की संभावना कम हो जाएगी। प्रतीक्षा सूची एक ऐसा प्रावधान है जो हमेशा बनी रहती है जब किसी रेलगाड़ी में यात्रियों द्वारा की गई मांग बर्थ या उपलब्ध सीटों की संख्या से अधिक होती है। इस प्रावधान को समाप्त नहीं किया जा रहा है।
‘प्रतीक्षा सूची’ एक ऐसा प्रावधान है जो मांग एवं उपलब्धता में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए एक बफर के रूप में कार्य करती है।