जब एक यात्री के लिए रेलवे को चलनी पड़ी ट्रैन !

लव कुमार मिश्रा

क्या आप कल्पना कर सकते है एक दर्जन से ऊपर डिब्बों के साथ एक ट्रैन मात्र एक यात्री को लेकर एक दो नहीं लगभग ६०० किलोमीटर की यात्रा तय करती हो।

जी हा, इसे उस यात्री की हट कहे या रेलवे की लापरवाही, नई दिल्ली से चलने वाली रांची राजधानी एक्सप्रेस डाल्टनगंज स्टेशन से मात्रा एक यात्री को लेकर अपने गंतब्य के लिए रवाना हुई।

बी एच यू की एक कानून की छात्रा ने पूरे रेलवे अधिकारियों के पसीने छुड़वा दिए।और सिर्फ अपने लिए एक पूरी ट्रेन चलाने के लिए मजबूर कर दिया। डालटनगंज स्टेशन पर कई देर तक चली बहस के बाद आखिरकार रेलवे के अधिकारियों को उस छात्रा के आगे झुकना पड़ा ।

अनन्या उन 900 यात्रियों में शामिल थीं, जो नई दिल्ली-रांची की राजधानी एक्सप्रेस में सवार थे। गुरुवार को सुबह करीब 6.30 बजे ट्रेन डालटनगंज स्टेशन पहुंची, जहाँ इसे रोकने का निर्णय लिया गया। क्योंकि स्थानीय आदिवासी समूह ताना भगत ने वन अधिकारों की मांग करते हुए आगे पड़ने वाले टोरी स्टेशन पर ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया था।

प्रदर्शन की वजह से ट्रेन का आगे का रास्ता अवरूद्ध था, जिसकी वजह से स्थानीय प्रशासन के साथ रेलवे के अधिकारियों ने फंसे हुए यात्रियों को स्टेशन से रांची लगभग 300 किलोमीटर तक पहुँचाने के लिए बसों की पेशकश की। पलामू के उपायुक्त और रेलवे के स्थानीय अधिकारियों ने अन्य सभी यात्रियों को सहमत कर लिया लेकिन अनन्या इसके लिए राज़ी नहीं हुई ।

उसने रेलवे के अधिकारियों को साफ शब्दों में कह दिया कि उसने राजधानी एक्सप्रेस के लिए भुगतान किया है और वो केवल ट्रेन से ही यात्रा करेगी। यहां तक ​​कि उन्हें रांची के लिए एक अलग कार की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उसने रेलवे के अधिकारियों से कहा कि ये उसका अधिकार है कि संबंधित ट्रेन जिसके बी 1 कोच में उसकी बर्थ निर्धारित है उसे उसकी मंजिल तक पहुँचाए ।

काफी देर तक चली बहस के बाद भी अनन्या ने हार नहीं मानी और उसने रेलवे अधिकारियों को उसे ट्रेन से गंतव्य तक ले जाने के लिए मजबूर कर दिया। रेलवे ने ट्रैन को एक लंबे मार्ग से डायवर्ट करते हुए रांची के लिए रवाना किया। उसकी सुरक्षा के लिए ट्रेन में आरपीएफ की महिला जवानों को भी तैनात किया गया था।

जब ट्रेन राजधानी रांची पहुंची, तो रेलवे कर्मचारियों के अलावा वहां मौजूद व्यक्ति भी खाली ट्रेन देखकर भौंचक्के रह गए।

स्टेशन पर अनन्या का स्वागत उसके पिता मुकेश कुमार चौधरी ने किया, जो हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC) में इंजीनियर हैं ।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक अवनीश कुमार ने स्पष्ट किया कि ट्रेन को डालटनगंज लाया गया क्योंकि रेलवे ने अनुमान लगाया था कि आंदोलन को खत्म कर लिया जाएगा। लेकिन कोई उचित कार्यवाही ना होते देख फंसे हुए यात्रियों को जिला प्रशासन की मदद से बसों द्वारा भेजा गया।

सीनियर डीसीएम ने एक बयान में कहा, 3 सितंबर की दोपहर लगभग 3 बजे, तकनीकी कारणों की वजह से राजधानी एक्सप्रेस को गया, गोमो, बोकारो स्टील सिटी होते हुए रांची तक चलाने की अनुमति दी गई।

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