टीम समाचार रिवेटिंग
ऐसे समय में जब चीन कोविड-19 वैक्सीन पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश कर रहा था, भारत ने बाजी मार ली क्यूंकि ब्राजील से बांग्लादेश तक उसकी सराहना हो रही है।
अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा मालदीव ने भी भारत का महामारी के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशो को सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया है। चीन के लिए यह एक बड़ा झटका है क्यूंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन को लेकर भारत की वाहवाही हो रही है जबकि वह चाहता था कोविड-19 की लड़ाई में उसका एकाधिकार बना रहे।
भारत न केवल अपने नागरिकों का टीकाकरण कर रहा है बल्कि साथ में दुनिया को वैक्सीन निर्यात करके एक मिसाल कायम कर रहा है कि जिम्मेदार वैश्विक शक्तियों को कैसे कार्य करना चाहिए। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलोनसरो ने एक ट्वीट में महाकाव्य रामायण से संजीवनी बूटी ले जाने वाले भगवान हनुमान की तस्वीर साझा करते हुए वैक्सीन देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
बोलसनारो ने हिंदी में धन्यवाद लिख कर ट्वीट में कहा कि ब्राजील भारत का एक सहयोगी कि रूप में पाकर गौरवान्वित महसूस करता है। भारत से ब्राजील को टीके के निर्यात में हमारी सहायता करने के लिए धन्यवाद। धन्यावाद, “बोलसनारो ने कहा।
भारत के सेरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशिल्ड वैक्सीन, मुंबई से 2 मिलियन खुराक के साथ एमिरेट्स स्काई कार्गो के माध्यम से ब्राज़ील के लिए रवाना हुई वही रॉयल एयर मैरोक से मोरक्को के लिए 2 मिलियन खुराक भेजी गयी।
ये खेप पहले वाणिज्यिक खेप हैं, और इससे पहले, भारत ने उपहार के रूप में “पडोसी प्रथम” की नीति अपनाते हुआ भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को मुफ्त में वैक्सीन भेजी है। इन देशों ने भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है।
शनिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस जिनका झुकाव चीन के तरफ रहता है ने भी भारत के प्रयासों की सराहना की और वैश्विक COVID -19 से लड़ने में सहयोग के लिए भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
अमेरिकी विदेश विभाग की दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो (SCA) ने भी दक्षिण एशिया और अन्य देशो में COVID-19 वैक्सीन की लाखों खुराक पहुंचने और वैश्विक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत की सराहना करते हुए एक पोस्ट साझा किया।