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रायपुर, 18 नवंबर
केरल में जन्मे सेवानिवृत्त नौकरशाह डॉ सी वी आनंद बोस को गुरुवार को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव परमपथ जॉय उम्मेन के साथ उनके दोहरे सम्बन्ध है। पहला, वे दोनों 1977 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं और दूसरा, दोनों एक ही राज्य केरल से आते है।
दोनों अधिकारी केरल के चंगनासेरी से सम्बन्ध रखते है और शायद यही वजह रही होगी की दोनों की सोच भी एक जैसी रही है। बोस केरल कैडर के अधिकारी रहे और जॉय उम्मेन की तरह अपने प्रदेश के लिए हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करते रहे।
छत्तीसगढ़ में उद्योगीकरण को गति, नया रायपुर की योजना और उसे मूर्त रूप देना जॉय उम्मेन की उपलब्धियों थी। वहीं बोस ने भी केरल में कई योजनाएं लागु करवाई जो राष्ट्रीय स्तर पर आदर्श बानी।
बोस केरल के मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में कार्य किया जबकि उन्हें गरीबों के लिए आवास की नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख योजना के वास्तुकार के रूप में देखा जाता है। लोगों को लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल घर उपलब्ध कराने के लिए 1985 में कोल्लम के जिला कलेक्टर के रूप में उनके द्वारा स्थापित निर्मिथि केंद्र (भवन निर्माण केंद्र) काफी प्रसिद्व हुआ।
यह एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभरा और राष्ट्रीय आवास नीति का हिस्सा बन गया। किफायती आवास में इस अनूठी पहल को 2022 तक सभी के लिए किफायती घर उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के फैसले के लिए एक ट्रिगर के रूप में देखा जाता है। बोस को 4 मार्च 2014 को नरेंद्र मोदी से मिलने और प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अवसर मिला था।
अस्पतालों में सहायक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने वाली संस्थाओं के रूप में बोस द्वारा शुरू किए गए धनवंतरी केंद्रों को केरल के सभी जिलों में दोहराया गया है। धन्वंतरी केंद्र के हिस्से के रूप में रियायती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने का भारत में पहला प्रयास शुरू किया गया था। बाद में, केरल सरकार ने नियमित आधार पर उचित मूल्य पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए संस्थानों की स्थापना की।
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना केंद्र को बोस द्वारा 32 साल पहले उस दिशा में की गई एक विनम्र पहल की महान परिणति के रूप में देखा जा सकता है।
राज्य में पहली हाउस बोट कोल्लम में बोस के कार्यकाल में शुरू की गई थी और आज हाउसबोट पर्यटन क्षेत्र में आय का एक प्रमुख स्रोत है।