नकाब हटा तो ‘शूटर’ ने खोला “किसानो” का पोल

योगेश सिंह

टीम न्यूज़ रिवेटिंग

दिल्ली के सिंघु सीमा पर केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कल एक नकाबपोश को मीडिया के समक्ष पेश किया जिसने दावा किया कि उसे 4 किसान नेताओं को शूट करने के लिए रुपए मिले थे।

चौबीस घंटे के अंदर सच सामने आ गया। अब एक नए वीडियो में इसके राज़ खुल रहे हैं। नए वीडियो में नकाब वाले व्यक्ति ने दावा किया है कि उसे दिल्ली पुलिस को बदनाम करने के लिए किसान नेताओं द्वारा प्रताड़ित किया गया था।

उक्त शख्स ने कहा, “मैं सोनीपत का योगेश सिंह हूँ। जनवरी 19 को मेरे मामा का लड़का हुआ था तो मैं दिल्ली गया था। वहाँ पर कुछ किसान नेताओं ने मुझ पर लड़की छेड़ने का आरोप लगाया और वो अपने कैम्पों में मुझे ले गए। वहाँ ले जाकर मेरी पिटाई की गई। मेरी पैंट उतार कर मुझे पीटा गया। उलटा लटका कर मारा गया। उन्होंने दबाव बनाया कि मुझे उनका कहा बोलना पड़ेगा। मैंने हामी भर दी।”

योगेश ने आगे बताया, “मेरी पिटाई के बाद उन्होंने मुझे भोजन कराया। फिर उन्होंने मुझे बताया कि क्या-क्या बोलना है। उसके बाद रात को दारू पिला कर मेरा वीडियो बना लिया गया। इसके अगले दिन वहाँ पर बिठाया गया और मेरे साथ 4 लड़के और पकड़े आगे थे, जिनमें से एक का नाम सागर है। किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने सागर को मार डाला है, तुम्हारे साथ ही वही करेंगे। अगर छूट कर जाना है तो मेरी बात मानो।”

शख्स ने आगे बताया कि किसान नेताओं ने उसकी पिटाई की। वो पुलिस के हवाले करने के लिए मिन्नतें करता रहा, लेकिन वो बोलते रहे कि वो पुलिस को कुछ नहीं बताते, जो करना हो खुद करते हैं। योगेश ने बताया कि उसके साथ पकड़े गए एक लड़के की पीट-पीट कर अधमरी हालत कर दी गई थी। उसने बताया कि प्रेस के सामने ये कहने को कहा गया कि राई थाने के एक व्यक्ति ने मुझे किसान नेताओं को शूट करने के लिए रुपए दिए थे।

उसने आगे बताया, “मैंने छूटने के डर से ये सब बोलना स्वीकार कर लिया। मैंने सोचा कि मैं पुलिस को सब सच बता दूँगा। मुझे पुलिस ले गई, जिसके बाद मैंने सब सच बता दिया। मेरा कोई साथी नहीं है। मेरे साथ जो पकड़े गए, उनमें से एक को अधमरा कर दिया गया और एक को वो मार डालने का दावा कर रहे थे। उनमें से एक किसान ही था। उन्होंने मेरी अलग-अलग कई वीडियो बनवाई है। मैं कोई नशा नहीं करता।”

योगेश ने खुद को नौवीं फेल और बेरोजगार बताते हुए कहा कि उसके पिता कुक हैं, माँ बर्तन माँजती है, वहीं उसकी बहन पढ़ाई करती है। उसने कहा कि उसके पास कोई हथियार नहीं है और न ही उसके परिवार में या उस पर पहले से कोई केस है। वो मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला है।

बता दें कि मीडिया के सामने सिंघु सीमा पर किसान नेताओं द्वारा मीडिया के समक्ष पेश किए गए नकाबपोश ने कहा था कि उसे हथियार भी दिए गए और उसकी साजिश थी कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर मार्च के दौरान एक व्यक्ति को किसान नेताओं पर गोली चलानी थी और एक को उपद्रव करना था, अगर किसान नहीं रुकते हैं। उसने 10 लोगों की टीम द्वारा गोलीबारी की साजिश की बात करते हुए कहा था कि इसका आरोप किसानों पर मढ़ा जाना था। अब इसके पीछा का राज़ खुला है।

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