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नई दिल्ली , नवंबर 16
केंद्र ने जाकिर नाइक द्वारा स्थापित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर लगाए गए प्रतिबंध को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया है।
नाइक पर भारत और विदेशों में मुस्लिम युवाओं को आतंकी कृत्यों के लिए प्रेरित करने का आरोप है। वह कथित तौर पर अपने पीस टीवी और सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैला रहा है, जहां उसके 20 मिलियन से अधिक अनुयायी हैं।
मुंबई में जन्मे नाइक 2016 के ढाका बम विस्फोट के बाद भारत से भाग गए थे। 1 जुलाई, 2016 को ढाका के एक कैफे में बमबारी में 17 विदेशी नागरिकों सहित 20 लोग मारे गए थे। हमलावरों में से एक ने कहा था कि वह नाइक के भाषणों से प्रेरित था।
नाइक इस समय मलेशिया में रह रहा है।
देर रात की अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के नेतृत्व वाले इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर लगाए गए प्रतिबंध को सोमवार को पांच साल के लिए बढ़ा दिया। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि आईआरएफ उन गतिविधियों में शामिल है, जो देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं और जिनमें शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने की क्षमता है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि नाइक द्वारा दिए गए बयान और भाषण आपत्तिजनक और विध्वंसक हैं और उनके माध्यम से वह धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा दे रहा है। नाइक भारत और विदेशों में एक खास धर्म के युवाओं को आतंकवादी कृत्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि नाइक अंतरराष्ट्रीय उपग्रह टीवी नेटवर्क, इंटरनेट, प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए कट्टरपंथी बयान और भाषण देता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उसने यूएपीए के तहत आईआरएफ पर लगाए गए प्रतिबंध को और पांच साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।
नाइक के संगठन को पहली बार 17 नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया था।