चीन सरकार के आदेश के बावजूद छात्रों, नागरिकों पर गोली नहीं चलाने वाले जनरल नहीं रहे

जनरल जू किंक्सियान

टीम न्यूज़ रिवेटिंग

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 38 वें सेना के पूर्व कमांडर जनरल जू किंक्सियान का 85 साल की उम्र में हेबै, शिजियाझुआंग में निधन हो गया।

4 जून 1989 के छात्र आंदोलन के दौरान, जू किंक्सियान ने अपने वरिष्ठों के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया और प्रदर्शन कर रहे छात्रों और नागरिकों के विरोध को दबाने के लिए गोली नहीं चलाई । इसके लिए चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने उन्हें दण्डित भी किया।

लगभग 32 साल पहले चीन की राजधानी पेइचिंग के थियानमेन चौक पर जून 1989 में लोकतंत्र समर्थकों ने सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध को दबाने के लिए चीनी सरकार के आदेश पर हुई सैन्य कार्रवाई में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। दो साल पहले सार्वजनिक हुए ब्रिटिश खुफिया राजनयिक दस्तावेज में इस घटना का पूरा ब्योरा दर्ज है।

20 मई 1989 को, बीजिंग सैन्य बल द्वारा 38 वीं बटालियन को मौखिक रूप से बीजिंग में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मार्शल लॉ ऑर्डर लागू करने का आदेश दिया गया था। जू रक्षा मंत्री किन जिएवेई के प्रमुख सहायक थे जिन्हें इस कानून को लागू करने की जवाबदारी दी गयी थी।

छात्रों और आम नागरिको पर सैन्य कार्यवाही के पक्ष में नहीं थे जू और उन्होंने अपने उच्च अधिकारियो से कह दिया कि वह इस कार्य के लिए मौखिक आदेश का पालन नहीं कर सकते और उन्हें लिखित आदेश दिया जाए। जब अधिकारियो ने बताया कि यह “युद्ध” का समय है और लिखित मे आदेश बाद में प्रदान किया जाएगा, जू ने जवाब दिया कि यह कोई युद्ध जैसी स्थिति नहीं है और आदेश का पालन करने से साफ़ मना कर दिया।

राष्ट्रपति यांग शांगकुन ने जू को मनाने के लिए कमांडर झोउ यिबिंग को भेजा, लेकिन वे असफल रहे। जू ने आदेश पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और बीमारी के चलते छुट्टी मांगी। उनकी अर्जी नामंजूर कर दी गयी। लेकिन उन्होंने फिर भी ड्यूटी करने से इनकार कर दिया। निजी तौर पर, उन्होंने अपने दोस्तों से कहा था कि वह इतिहास में अपराधी होने के बजाय निलंबित होना पसन्द करेंगे।

यांग शांगकुन ने घोषणा की कि जू किंक्सियान द्वारा किया गया ये अपमानजनक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने जू को गिरफ्तार कर कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित करने का आदेश दिया।

नए कमांडर ने निर्देशों का पालन किया और 38 वीं सेना ने प्रदर्शनकारियों को दबाने में प्रमुख भूमिका निभाई। उस समय जू किंक्सियान के कई पूर्व सहयोगियों को इस कार्य के लिए पदोन्नत किया गया था।

जू को कोर्ट-मार्शल किया गया और पांच साल जेल की सजा दी गई। इस दौरान, वह यह कहते हुए सरकार की अवहेलना करते रहे कि “पीपुल्स आर्मी ने अपने इतिहास में कभी भी लोगों को नहीं दबाया मैं इसकी घोर निंदा करता हूँ।”

जेल से रिहा होने के बाद, उन्हें बीजिंग में रहने की अनुमति नहीं थी और वे शिज़ाज़ुआंग में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के लिए बने एक सेनिटोरियम में रहते थे। जब 22 साल बाद हांगकांग मीडिया ने उनका साक्षात्कार लिया, जू ने चीन सरकार के आदेश का उल्लंघन करने के लिए कोई खेद व्यक्त नहीं किया।

रेडियो हॉन्गकॉन्ग ने खबर दी कि सेना ने जू किन के तीन बेटों और बेटियों को अंतिम संस्कार की व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए शीज़ीयाज़ूआंग आने की अनुमति दी, लेकिन इसमें उनके दोस्तों को उपस्थित नहीं होने दिया गया। स्वतंत्र संवाददाता गाओ यू ने खुलासा किया कि अधिकारियों ने आज एक बैठक आयोजित करने के बाद कहा कि जू के अंतिम संस्कार और उनके मकबरे पर “पूर्व 38 वें सेना कमांडर” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

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