तमिलनाडु सरकार ने अयोध्या कार्यक्रम के सीधे प्रसारण पर रोक लगाई

तमिल फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत एवं अन्य प्रख्यात कलाकार धनुष कार्यक्रम में हिस्सा लेने अयोध्या पहुंचे

न्यूज़ रिवेटिंग

चेन्नई, जनवरी 21

तमिलनाडु की एम के स्टालिन सरकार के 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने X पर जानकारी देते हुए बताया कि तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी 2024 को होने वाले #AyodhaRamMandir कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

तमिलनाडु में प्रभु श्री राम के 200 से ज़्यादा मंदिर हैं। HR&CE द्वारा प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी प्रकार की पूजा, भजन, कीर्तन, प्रसादम एवं अन्नदान की अनुमति नहीं है।

पुलिस निजी तौर पर संचालित मंदिरों को भी कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। वे आयोजकों को धमकी दे रहे हैं कि वे पंडाल तोड़ देंगे। सीतारमण ने कहा: “मैं DMK राज्य सरकार के इस हिंदू विरोधी, घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं।”

उन्होंने आगे कहा तमिलनाडु के कई हिस्सों में दिल दहला देने वाला और विचित्र दृश्य देखने को मिल रहा है। लोगों को भजन आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयां बाटने, ख़ुशी मनाने से रोका जा रहा है और धमकाया जा रहा है, जबकि वह सब माननीय प्रधानमंत्री को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करते देखना चाहते हैं।

केबल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली बंद होने की संभावना है। यह I.N.D.I गठबंधन के प्रमुख साथी DMK का हिंदू विरोधी कदम है।

तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है।

अयोध्या फैसले के दिन कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं थी। देश-भर यह समस्या वह दिन भी नहीं थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था।

तमिलनाडु में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाने के लिए लोगों में उमड़े स्वैच्छिक भागीदारी और भावना ने हिंदू विरोधी #DMK सरकार को बेहद परेशान कर दिया है

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